जैसा आप बोते हैं वैसा ही काटते हैं, ये मात्र शब्द नहीं जीवन की सार्थकता हैं…
यहाँ बात करेंगे हरियाली की जो आँखों और मन को बेहद सुकून देती है पर शहरों के कान्क्रीट जंगलों में हरियाली गायब सी हो गई है। मिट्टी का टेक्सचर, उसकी खुशबू का हमारे दिलों दिमाग से बहुत गहरा रिश्ता है। हम सभी को घर में गार्डन अच्छा लगता है, मन प्रफुल्लित हो जाता है पौधों को देख कर उनके साथ समय बिताकर, पर आजकल की जीवन शैली में जहां ज्यादातर लोग बड़े शहरों में फ्लैट्स में रहते है। यहाँ घर यूं भी छोटे और उनमें खुली जगह की भी कमी है तो ये चाहत मन में ही रह जाती है। पर अगर आपको इन्टरेस्ट है तो ऐसे जगहों पर भी आप अपनी ये इच्छा पूरी कर सकते हैं। छोटी जगह पर भी आप बहुत ही सुन्दर सीजनल फ्लॉवर, वेजीटेबल्स, घर सजाने के लिए कुछ प्लांट्स लगा सकते हैं। पर इसे करने से पहले कुछ जरूरी इनफॉर्मेशन जरूर कलेक्ट कर लेनी चाहिए ताकि आपको पता रहे कि कैसे शुरू करना चाहिए, यहाँ हम उन्हीं खास पॉइंट्स पर बात करेंगे जिन्हे आप को ध्यान में रखना है…
कमिटमेंट – टेरेस गार्डन को शुरू करने की पहल आप के कमिटमेंट से होती है, चूंकि प्लांट्स सजीव होते हैं और उन्हें केयर चाहिए तो इतनी मेहनत करने के लिए आप को कमर कस लेनी है।
प्लान – आपके पास जो भी स्पेस है उसमें क्या बेस्ट हो सकता है उसे प्लान करिए। मन में अवेलेबल स्पेस को मैं गार्डन कैसे डिजाइन करना है अच्छे से सोच लीजिए। एक बार जगह और उसका प्लान बन गया तो फिर लिस्ट बनेगी प्लांट्स की जो आपकी पसंद के हो।
पॉटस का चुनाव– अगला अहम फैसला गमलों का है, चूंकि पॉटस कई तरह के होते है, जैसे मिट्टी, सिरेमिक, प्लास्टिक ग्रो बैग्स, सिमेन्ट, इत्यादि आजकल सिरेमिक पॉटस तो बहुत ही मनमोहक आते है। इसके अलावा इनके बहुत तरह के शेप्स और कलर भी उपलब्ध होते है। तो इसका चुनाव तय की गई जगह के हिसाब से बहुत ही जरूरी है। अगर आपके पास स्पेस ज्यादा है, तो आप ईटों से बॉउन्ड्री बनाकर उसके अंदर मड बेड भी बना सकते हैं। अलग अलग पौधों के हिसाब से गमलों का साइज़ बदलता है, जैसे ट्यूबर्स और क्रीपर्स के लिए गहरा पॉट और ऑरनामेन्टल प्लांट्स के लिए शेलो पॉट की आवश्यकता होती है।
सॉइल प्रीप्ररेशन – इसके लिए आपको अच्छी उपजाऊ मिट्टी, बालू, ऑर्गैनिक खाद, इत्यादि की आवश्यकता होगी। गमलों में डालने से पहले मिट्टी में से बड़े पत्थर, वीड इत्यादि निकाल कर इसे साफ कर लेना चाहिए। गमलों की तली में एक्स्ट्रा पानी की निकास के लिए एक छेद बना लेना चाहिये और उस पर कुछ कंकड़ रख देने चाहियें इससे पानी तो निकलेगा पर मिट्टी नहीं बहेगी। अगर आप सॉइल बेड बना रहें हैं तो पहले निचली सतह को वॉटर प्रूफ बनाना चाहिए। ताकि आपके घर में किसी भी तरह के सीपेज का चांस न हो।
पौधों का चुनाव – कुछ पौधे वर्ष भर बने रहते हैं जबकि कुछ विशेष मौसम में ही उगते हैं। जिन प्लांट्स को अपने चुना है उनके लाइफ साइकल के बारे में आपको सही से जानकारी होनी चाहिए। एक ही सॉइल बेड पर आप पहले क्रीपर्स ग्रो कर सकते हैं जब वे बड़े होने लगे तो उन्हें एक सपोर्ट के सहारे चढ़ा दें और साथ ही हर्ब्स भी लगा लें। इस तरह से आप टमाटर, चिली, बीन्स, लौकी, तोरई, बैंगन, खीरा, गाजर, मूली, प्याज, धनिया इत्यादि लगा सकते हैं।
हेंगिंग गार्डन – आजकल प्लास्टिक के बहुत ही खूबसूरत हैंगिंग पॉटस आपको किसी भी नर्सरी में आसानी से मिल जाएंगे जिनमें आप ग्रीन लीफ़ी ऑर्नमेन्टल प्लांट्स लगा सकते हैं। जैसे 9 o क्लाक प्लांट, गिलोय या फिर मनी प्लांट जैसे क्रीपर्स लगा सकते हैं। अगर आप पॉटस नहीं खरीदना चाहते हैं तो घर में प्लास्टिक की बोतल को अच्छे से कट कर उसमें प्लांट्स लगा सकते हैं।
वर्टीकल टेरेस गार्डन – अगर आपके पास पुराना कोई रैक, सीढ़ी या स्टूल है तो आप उस पर पेन्ट करके वर्टिकल गार्डन के लिए एक अच्छा बेस बना सकते हैं। इसमे विभिन्न तरह के पॉटस में आप प्लांट्स लगा सकते हैं। इन वर्टिकल बेस पर क्रीपर्स को चढ़ाया जा सकता है। जिससे इन्हें सहारा मिल जाता है और आप भी सप्राइज़ हो जाएंगे अपने पुराने रैक की इतनी अच्छी उपयोगिता देख कर।
प्लांट मैटीनेंस – अब अपने प्लांट्स तो लगा लिए पर जैसे पहले बताया है कि ये भी सजीव है तो इन्हें भी प्रापर देखभाल चाहिए होती है। इनकी रेगुलर ट्रिमिंग, पुरानी पत्तियाँ हटाना, समय समय पर खाद डालना, कीड़ों से बचाने के लिए दवाई डालना इत्यादि कुछ ऐसी देखभाल है जो आपको करनी होती है। अगर आप शौकीन हैं तो ये काम आपको बहुत ही इंटरेस्टिंग लगेंगे। सभी पौधों को पर्याप्त धूप और छाया मिले इसके लिए भी आपको ध्यान देना होगा। उनकी जरूरत के हिसाब से पानी देना भी एक रोज का काम है।
पौधों की देखभाल करते करते आपको ऐसे लगने लगता हैं जैसे वो आपके परिवार का हिस्सा हैं। ये हॉबी ऐसी है जो आपको बहुत ही क्रिएटिव एक्टिविटी में व्यस्त रखती है, ऐसा कहा जाता है की गार्ड्निंग रिटायरमेंट का शौक है पर ऐसा नहीं है इसे आप किसी भी उम्र में कर सकते हैं, दिल लगा लीजिए पौधों में, विश्वास मानिए बहुत ही बढ़िया समय बीतेगा। अपने पौधों को बढ़ता हुआ देखकर आनंदित होइए और जीवन का आनंद लीजिए…