हालांकि हाइट, एक आनुवंशिक लक्षण है और यह मुख्यतः माता पिता पर निर्भर होती है कि किसी बच्चे की लंबाई कितनी बढ़ेगी? फिर भी इसके अलावा कुछ और भी फैक्टर हैं जो हाइट को प्रभावित करते हैं, जिन्हें आप भी नियंत्रित कर सकते हैं। एक अच्छी पर्सनेलिटी में अच्छी हाइट भी योगदान करती है, और आत्मविश्वास भी बढ़ाने में सहायक है।
बच्चों में दो समय ऐसे होते हैं जब आपके बच्चे तेजी से बढ़ते हैं, इसे ग्रोथ स्पर्ट कहते हैं। पहला जब आपका बच्चा 4 साल तक होता है, दूसरा जब आपके बच्चे प्युबर्टी/ टीन एज में प्रवेश करते हैं। लड़कियों के लिए यह उम्र 11 वर्ष से 16-17 वर्ष और लड़कों के लिए यह उम्र 13 वर्ष से 18-19 वर्ष तक होती है। इसी उम्र में बच्चे अपनी युवा हाइट पर पहुँच जाते हैं।
बच्चे जब ग्रोथ फेज में होते हैं तो उनके शरीर में ग्रोथ, मेन्टिनेन्स और रिपेयर से संबंधित क्रियाएं होती है, जबकि एक एडल्ट शरीर में मेन्टीनेंस और रिपेयर ही होते हैं। इस समय बच्चों की अपनी खाने की पसंद, व्यस्तता और सोशल औरा होती है। तो आपको उन्हें निम्न पॉइंट्स पर गाइड करने की आवश्यकता होती है-
खाने की अच्छी आदतें- ग्रोइंग फेज में प्रोटीन और केल्शियम रिच भोजन की ज्यादा आवश्यकता होती है। वेजिटेरियन स्रोतों में दाल, सोयाबीन, नट्स(बादाम, अखरोट, तिल, मूंगफली इत्यादि), होल ग्रेन अनाज, दूध, पनीर, दही, छांछ, टोफू, इत्यादि है। वही नॉनवेज स्रोतों में मीट, एग, चिकन, फिश इत्यादि हैं। इसके अलावा कुछ सब्जियां जैसे भिंडी, ब्रोकोली भी अच्छे स्रोत हैं।
जंक फूड को लिमिट करें- जंक फूड रिफाइन्ड कार्बोहाइड्रेट से बने होते है, जो किसी के लिए भी सही नहीं है। इसीलिए एक तो इनकी मात्रा बहुत ही कम रखें और दूसरी बात अगर आपके बच्चों को खाना ही है तो इंग्रेडिएन्ट्स को हेल्थी विकल्पों से रिप्लेस कर, घर पर ही बनाएं।
अपने बच्चों को काउच पोटेटो न बनाए- अपने बच्चों को आवश्यक रूप से प्रतिदिन शाम को 1-2 घन्टे भाग दौड़ के खेलने को प्रेरित करें। उन्हें स्कूल में किसी गेम में पार्टिसिपेट करने को बोलें। ताकि बच्चा भली-भांति एक्टिव रहे।
स्क्रीन टाइम लिमिट करें- बच्चे आजकल स्क्रीन पर बहुत अधिक समय बिताने लगे हैं, ये उनके लिए किसी भी दृष्टि से सही नहीं है। न उनके आँखों के लिए न ही उनके शारीरिक विकास के लिए। अगर आवश्यक भी है तो भी स्क्रीन टाइम को कम से कम रखें और बीच बीच में थोड़ा खड़े होने, स्ट्रेच करने के लिए बोलें , एक साथ लंबी सिटिंग न होने दें।
योग और एक्सर्साइज़ करने की आदत डालें- बच्चे आपकी सुनते कम है पर आपको फॉलो ज्यादा करते हैं। सो घर में अगर पेरेंट्स एक्सर्साइज़ को लेकर जागरूक हैं और वो खुद कर रहे हैं, तो बच्चों का रुझान भी अपने आप इसके प्रति होने लगता है। इसीलिए अच्छे रोल मॉडल बने। साईक्लिंग, जंपिंग, योगासन (ताड़ासन, सूर्य नमस्कार, इत्यादि) लंबाई बढ़ाने में सहायक हैं।
गुड पॉस्चर- पेरों की बोन्स और सीधी स्पाइन आपको लंबा दिखाती है वास्तव में इन्ही बोन्स से लंबाई बढ़ती ही है। इसीलिए हमेशा अपना पोसचर सही रखें, चाहे खड़े हो, बैठे हों, काम कर रहे हों या लेटे हों। पीठ झुकाकर खड़े होना, चलना आपको आपकी वास्तविक लंबाई से छोटा दिखाता है।
गुड स्लीप- सोते समय शरीर मे ग्रोथ हॉर्मोन्स रिलीज होते हैं, इसीलिए बच्चों को सही समय पर सोने और जागने की आदत डालें। लगभग 8 घंटे की नींद बच्चों की रोज पूरी होनी चाहिए।
बच्चों को बढ़ते देखना पेरेंट्स के लिए बहुत ही सुखद अनुभव है, बच्चों को भी अपने को बड़ा होते हुए देखने में गर्व महसूस होता है। तो इन अनुभवों आनंदित होने के पलों को कायम रखें …