जब भी कोई गर्ल चाइल्ड पैदा होती है तो उसकी ओवरीज में जीवन भर के लिए पर्याप्त संख्या में एग्स होते हैं, जैसे जैसे लड़की अपनी मिनार्की में पहुचती है एग्स एक एक करके मेच्योर होते है और हर माह फर्टिलाइज़ेशन न होने की वजह से मेंसट्रूअल फ़्लो के रूप में निकल जाते हैं। यह एक प्राकर्तिक साइकल है जो की एक इन्डिकेशन है की लड़की सेक्सुअली मेच्योर हो चुकी है और अब वह गर्भधारण के लिए तैयार है।
PCOS (पोली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) एक हॉर्मोनल डिसॉर्डर है। पोली सिस्टिक नाम से लगता है कि किसी फ़ीमेल की ओवरी में कई सारे सिस्ट उपस्थित हैं। पर वास्तविकता यह है कि जिन महिलाओं को PCOS है, जरूरी नहीं की उनकी ओवरी में मल्टीपल सिस्ट हों या फिर जिन महिलाओं की ओवरी में मल्टीपल सिस्ट हों उन्हे PCOS ही हो। ये सिस्ट वास्तव में आंशिक रूप से परिपक्व फोलिकल हैं जिनमे एग होता है।
PCOS एक आधुनिक जीवन शैली से जुड़ी हुई बीमारी है जो धीरे धीरे समाज में विकराल रूप ले रही है और महिलाओं के स्वास्थ्य को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर रही है।
PCOS एक कॉमन एन्डोक्राइन सिस्टम डिसॉर्डर है जो कि रिप्रोडक्टिव उम्र की महिलाओं को प्रभावित करता है। जिन महिलाओं को PCOS होता है अल्ट्रासाउन्ड करने पर उनकी ओवरीज में फ्लूड का कलेक्शन दिखाई देता है जिन्हे फोलिकल कहते है। ज्यादातर लेट टीन एज या कहें 20 की उम्र के आस पास शुरू होती है। सभी महिलाओं में ओवरीज और एड्रीनल ग्लैन्ड द्वारा कुछ मात्रा में एन्ड्रोजन स्रावित होता है। एन्ड्रोजन की अधिक मात्रा ओव्युलेशन और मेन्स्ट्रअल साइकल को प्रभावित करती है।
एक स्टडी के अनुसार हर 5 में से एक चाइल्ड बिअरिंग ऐज (20-40) की फ़ीमेल इससे प्रभावित है।
कई बार देखा गया है की PCOS कई परिवारों में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में रन कर रही है, इसका मतलब है कि इसमें कोई आनुवंशिक कारण भी है।
PCOS लक्षण
PCOS के लक्षण बहुत अलग अलग है किसी में ये लक्षण बहुत माइल्ड है किसी में बहुत सीवियर है तो इन्हें हम विस्तार में समझते हैं; यहाँ ये भी पाया गया है कि हर महिला के अपने अनुभव और लक्षण तो है, पर सेट ऑफ सिमटम एक जैसे नहीं है।
अनियमित पीरियड
PCOS से प्रभावित कुछ फ़ीमेल्स में पीरियड नियमित भी होते हैं। एन्ड्रोजन और इंसुलिन हॉर्मोन्स का हाई लेवल ओव्युलेशन की मासिक साइकल को डिस्टर्ब कर देता है।
PCOS में पीरियड या तो अनियमित हो जाते हैं या फिर एकदम ही बंद हो जाते हैं। औसतन मेन्स्ट्रुअल साइकल 28 दिनों की होती है जिसमें एक बार ओवयुलेशन होता है, फिर भी 21 से 35 दिन भी यह साइकल नियमित ही मानी जाती है जो कि व्यक्ति विशेष पर निर्भर होती है।
जब वर्ष में 8 से कम मेन्स्ट्रुअल साइकल हों या फिर दो साइकल के बीच 35 दिनों से ज्यादा का गैप हो तो तब इसे अनियमित पीरियड मानते हैं।
जैसे मेन्स्ट्रुअल साइकल लंबी होती है ओव्युलेशन भी कम हो जाता है या कभी कभार ही होता है। जिन फ़ीमेल्स को PCOS होता है उन्हें पीरियड के समय या तो बहुत हेवी या फिर बहुत ही कम ब्लीडिंग होती है।
लोअर एब्डोमेन में दर्द
पेट के निचले हिस्से में थोड़े थोड़े अंतराल पर दर्द होना भी PCOS का एक शुरुवाती लक्षण है।
ह्रस्यूटिज्म (एक्सेस हेयर)
एन्ड्रोजन हॉर्मोन की अधिकता से चेहरे और शरीर पर अधिक बाल आने लगते हैं। ये बाल अधिक मजबूत और काले होते हैं। हेयर ग्रोइंग का पेटर्न पुरुषों की तरह होता है यानि चिन, अपर लिप एरिया, चेस्ट, थाइ एरिया और लोअर एब्डोमेन रीजन में।
हेयर लॉस (एलोपेसिया)
कुछ फ़ीमेल्स में एन्ड्रोजन हॉर्मोन की अधिकता गंजेपन की तरफ जाने लगती है। उनके सर के बाल पतले होने लगते हैं झड़ने लगते हैं और पुरुषों की तरह की आगे से गंजापन आने लगता है।
एक्ने (मुहाँसे)
PCOS में बढ़े हुए एन्ड्रोजन की मात्रा स्किन की ऑइल स्रावित करने वाली ग्लैंड्स का साइज़ बड़ा कर देती है जिसकी वजह से मुहाँसों की समस्या होने लगती है ज्यादातर ये फेस पर ही होते हैं। टीन एज में एक्ने एक सामान्य बात है पर PCOS से प्रभावित फ़ीमेल्स में यह समस्या अधिक गंभीर हो जाती है। कई बार यह अधिक डेरी उत्पादों के प्रयोग से भी संबंधित होती है। इसके लिए बहुत आवश्यक है की आप जहां से दूध लेते हैं वहाँ उसकी शुद्धता आश्वस्त करें।
वेट गेन (वजन बढ़ना)
अचानक तेजी से बिना किसी विशेष कारण के वजन बढ़ना भी एक संकेत हो सकता है। हालांकि यह अकेला लक्षण नहीं है पर यह PCOS से संबंधित जरूर है।
फर्टिलिटी में कमी
इंसुलिन और एन्ड्रोजन हॉर्मोन्स की अनियमितता फ़ीमेल्स में मेन्स्ट्रुअल साइकल को प्रभावित करती है जिसकी वजह से ओव्युलेशन या तो पूरी तरह से रुक जाता है या फिर अनियमित हो जाता है। इस वजह से फ़ीमेल्स को प्राकर्तिक रूप से गर्भधारण करना बहुत मुश्किल हो जाता है। और कुछ लोगों को तो शुरुवाती समय में ही मिसकेरेज होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि PCOS से प्रभावित सभी फ़ीमेल्स का कंसीव करना नामुमकिन है, कुछ में बिना किसी मेडिकेशन के भी गर्भधारण हो जाता है।
साइकोलॉजिकल प्रभाव
एक नारी के लिए उसका नारीत्व कम होना बहुत बड़ा और गंभीर विषय है। इसकी वजह से निराशा और चिड़चिड़ापन होना बहुत ही स्वाभाविक है। कुछ प्रभाव हॉर्मोन से भी संबंधित हो सकते हैं जिसकी सत्यता प्रमाणित करने के लिए विज्ञान की खोज जारी है।
स्लीप एप्निया
यह एक स्लीप डिसॉर्डर है जिसमें अपर एयरवे में रुकावट आ जाती है, जिससे सोते समय सही से सांस लेने में दिक्कत होती है। अधिक फैटी टिशू गर्दन को आंशिक रूप से ब्लॉक कर देते हैं जिसकी वजह से थकान, सुस्ती फ़ील होती है । स्लीप क्वालिटी कम हो जाने से फ्रेशनेस फ़ील नहीं होती है और ज्यादा देर तक सोते रहने के बावजूद भी थकान ही लगती है।
आवश्यक नहीं है कि ये सारे लक्षण किसी एक व्यक्ति में हों या सारे कॉम्प्लिकेशन ही आपको प्रभावित करें पर फिर भी बहुत जरूरी है कि इसकी जानकारी रखें और कोई भी शुरुवाती लक्षण दिखते ही जल्द से जल्द इस परिस्थिति को रिवर्स करें।