क्या आप ने कभी इस बात पर गौर किया है कि हमें जो भी फ्रेश सप्लाइस सुबह सुबह मिलती है (जैसे दूध, न्यूज पेपर, सब्जियां, फल, इत्यादि) उनके पीछे कई लोग रात भर काम करते है। यही नहीं ट्रांसपोर्ट & लोजिस्टिक्स का काम भी 24 घंटे चलता है। आईटी इंडस्ट्री में भी यू एस शिफ्ट होती है जिसमे काम करने वाले रात में ही काम करते हैं। एक सर्वे के अनुसार लगभग 20-25% काम करने वाले लोग रात में काम करते हैं।
क्या आप भी उनमे से एक हैं?
अगर आप नाइट शिफ्ट में काम करते हैं तो यहाँ आपके लिए कुछ इनसाइट्स है जो आपको हेल्थी रहने में मदद करेंगे।
नाइट शिफ्ट में काम करने में हमे सबसे पहले अपनी नींद की कीमत चुकानी पड़ती है, पर फिर भी चूंकि जीवन को चलाने के लिए काम भी आवश्यक है तो कुछ लाइफ स्टाइल बदलाव करके आप अपने स्वास्थ को सही रास्ते पर रख सकते हैं।
शिफ्ट में काम करना आसान नहीं है, क्यूंकि ऐसे में आपको अपनी बायोलॉजीकल क्लाक के विपरीत काम करना होता है। यह आपके लिए व्यक्तिगत तौर पर भी मुश्किल है और सामाजिक तौर पर भी। आपको तब जागना और एक्टिव रहना होता है जब आपका शरीर सोने के लिए प्रोग्रेम्ड है, और तब सोना आराम करना होता है जब प्राकर्तिक रूप से आपको जागना चाहिए।
एक रिसर्च के अनुसार नाइट शिफ्ट मे थकान का लेवल दिन की वर्किंग के मुकाबले अधिक होता है। इसका असर किए जाने वाले काम पर भी पड़ता है।
अब इसको समझते है की काम के हिसाब से नाइट शिफ्ट कितने तरह की होती है?
- फिक्स्ट नाइट शिफ्ट
- रोटेशनल नाइट शिफ्ट, इसमे कभी कुछ हफ्ते दिन और कुछ हफ्ते रात में ड्यूटी करनी होती है।
इन दोनों में फिक्स्ट नाइट शिफ्ट बेहतर है, क्यूंकि उलटे तौर पर ही सही, पर यहाँ आप के रूटीन की स्थिरता है। पर रोटेशनल नाइट शिफ्ट में कुछ ज्यादा ध्यान देना होता है ताकि आप सही से काम कर सकें। लगातार बॉडी क्लाक की आदत बदलते रहने से इंटर्नल रिदम गड़बड़ा जाती है।
इसलिए बहुत आवश्यक है कि नाइट शिफ्ट के लिए सही से प्रिपेयर हों ताकि आप उसके अनुरूप ढल जाएं और बदले हुए समय में सुचारु रूप से काम और आराम दोनों कर सकें।
नाइट शिफ्ट की शुरुवात की तैयारी
नाइट शिफ्ट में जाने से एक दिन पहले अपने आप को काफी एक्टिव रखिए ताकि दिन में नींद आ जाए फलस्वरूप आप रात मे जाग सकते हैं (भले ही टी. वी. देखते रहें या अपने दोस्तों से बातें करते रहें पर सजग रूप से सुबह के 3-6 बजे तक जागने की कोशिश करें।
ऐसा कर के अगले दिन लंच के बाद आप अपने आप ही सो सकेंगे और रात भर आसानी से जाग सकते हैं।
नाइट शिफ्ट में काम करते समय
आम तौर पर रातें थोड़ी ठंडी होती हैं, तो आपको पता नहीं चलता कि आपको पानी की आवश्यकता है या नहीं, पर शरीर की जरूरत का ध्यान रखकर थोड़ी थोड़ी देर में पानी पीते रहें।
जैसे दिन में काम करते समय सेकंड हाफ थोड़ा थकने लगता है वैसे ही नाइट शिफ्ट में फ़ील होता है। उस समय आप चाय पी सकते है, ये आप को रिफ्रेश करेगी।
सुबह कोशिश करिए कि ऑफिस वाहन या कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट लें ताकि आपको ड्राइव न करना पड़े। अगर आपको कंफरटेबल लगता है तभी ड्राइव करें।
नाइट शिफ्ट में नींद कैसे पूरी करें
आपका शरीर सनलाइट के प्रति बहुत संवेदनशील होता है और उसी तरह प्रतिक्रिया भी देता है। इसीलिए दिन में सही से सोने के लिए अपने रूम के पर्दे डार्क रखें, आई मास्क पहने इससे दिन में अंधेरे का एहसास होने से अच्छी नींद आएगी।
घर आकर अपने मोबाईल, लैपटॉप, टीवी, इत्यादि न देखे, इन गेजेट्स की लाइट आपकी नींद को बाधित करती है।
आप सोना चाहते है पर बाकी दुनिया तो जग रही है और उसका अपना शोर भी है तो अपने कमरे का चुनाव ऐसा रखें जहां कम से कम शोर पहुचें। यह तो जाहिर है आपके घर कर लोग इसमे सहयोग करेंगें ही।
नींद के लिए अल्कोहल का सहारा न लें, ये आपको रात में काम करने में डिस्टर्ब करेगा।
अपनी नींद को प्राथमिकता दें, जब तक आप अच्छे से सोकर फ्रेश नहीं हो जाते सामाजिक तौर पर कोई कमिटमेंट न दें। क्यूंकि आप अपनी लाइफ दुनिया से उलटे तरीके से जी रहे हैं। अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को शाम का समय दें। बल्कि जितनी भी डिलिवरी रिसीव करनी हो उनका समय भी शाम का रखें (ये ध्यान रहे कि लोगों के लिए यह दोपहर का समय है आप के लिए मध्य रात्रि के सामान है।)
नाइट शिफ्ट से डे शिफ्ट में स्विच करते समय
कई तरीके अपनाए जा सकते हैं, बस ध्यान रखिए कि आपकी नींद काम पर जाने से पहले पूरी होनी चाहिए। नाइट शिफ्ट खत्म करके घर जाकर आप हेवी ब्रेकफ़ास्ट करिए फिर 4 घंटे के लिए सो जाइए उठकर थोड़ी देर सूर्य की रोशनी मे रहिए। नींद कम होने से थोड़ी थकान हो सकती है पर कही कहीं व्यस्त रहिए और रात को सामान्य समय या थोड़ा पहले सोने की कोशिश करिए।
एक बात और कभी भी नींद की गोलियों का सहारा न लें। अगर आपको नींद नहीं आ रही है तो अपनी कोई पसंदीदा बुक पढ़ें, माहौल लाइट रखें, लाइट डिम रखें, इस तरह के उपायों को अपनाएं।
अगर कोई ज्यादा परेशानी हो तो होमिओपैथी या फिर फिजीशियन से संपर्क करें।
यह लेख लिखने से पहले हमने कई नाइट शिफ्ट में काम करने वाले के मिल कर उनके अनुभवों को यहाँ लिखा है। रात में काम करना जरूरत भी हो सकती है और मजबूरी भी। पर किसी भी कीमत पर खुद की नींद को काम्प्रोमाइज़ न होने दें, अपने आराम को प्राथमिकता दें क्योंकि यही वो समय है जब आप का इन्टर्नल सिस्टम रिपेएर होता है। इसे बाधित करने पर अनजाने में आप अपने लिए रिस्क बढ़ा लेते हैं। अतः इन टिप्स का ध्यान दे अपने जीवन में अपनाएं और अपने जीवन का आनंद लें…