हमारे देश में चाय सिर्फ एक पेय ही नहीं है बल्कि ये हम सभी को कनेक्ट करने का एक माध्यम है। चाहे कोई भी अवसर हो छोटा या बड़ा चाय के बिना अधूरा है। किसी के लिए चाय थकान मिटाने का तरीका है, तो किसी के लिए काम से ब्रेक लेने का कारण है ताकि फिर से रिचार्ज होकर काम पे लग सके। चाय पर दोस्त पुरानी यादों को ताज़ा करते है और हाउसवाइफ सबको अपने अपने काम पर भेजकर रिलेक्स होने के पल को सँजोती हैं … सब का कारण अलग है, पर सब को चाय की चुस्की लेने के मौका नहीं खोना है। अब तो लोग खुद को टैग करने से भी नहीं चूकते कि हाँ भाई ! हम भी हैं “चाय लवर”…
यहाँ आपको इंडियन मसाला टी की गुड़नेस के बारे में कुछ बताते है ताकि आपको एक और वजह मिले चाय पीने की… वो भी बिंदास।
मसाला टी, रेगुलर चाय ही होती है बस इसमें चाय के अलावा कुछ और भी इनग्रेडिएंट्स भी होते हैं जैसे- लौंग, इलाईची, काली मिर्च, अदरक या सौंठ, तुलसी की पत्तियां, दालचीनी, इत्यादि।
अब थोड़ा गहराई से जानते है की इन चीजों को रेगुलर चाय में ऐड करने से क्या फायदा होता है-
- इंसुलिन सेंसटिविटी में इंप्रूवमेंट: कुछ मसाले जैसे दालचीनी, लौंग और इलाईची इंसुलिन सेंसटिविटी को इंप्रूव करते हैं। साथ ही आपके ब्लड शुगर लेवल को कम करके डायबिटीज को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
- डाईजेशन में सुधार: अदरक और सौंठ आपके आंतों की हेल्थ बेहतर बनाते है, साथ ही गैस की समस्या के निदान में भी बहुत हद तक सहायक हैं।
- कोल्ड और मौसमी फ्लू से राहत: मसाला चाय इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर मौसम में बदलाव से होने वाली बीमारियों को दूर रखती है। आप सभी ने इसके मैजिक को कभी ना कभी तो महसूस किया ही होगा, कि हल्के जुखाम में चाय पीते ही बंद नाक खुल जाती है और आपके गले को राहत मिलती है। जुकाम से जूझते हुए मसाला चाय से मिलने वाली सुकून की फ़ील से हम सभी बखूबी परिचित हैं।
- दर्द से राहत: आप शॉपिंग करके वापिस आईए तो कभी ना कभी ये महसूस किया होगा की पूरे शरीर में थकावट है और हल्का फुल्का सा दर्द हो रहा है। अब आप एक कप गरमागरम अदरक लौंग वाली चाय पीजिए देखिए कैसे सारी थकान और दर्द छूमंतर होता है। ऐसा इसीलिए क्यूंकि इन मसालों में एंटी-इनफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी होती है जो दर्द को कम करने में सहायक है।
- जी मिचलाने से राहत: अदरक की चाय nausea या जी मिचलाने की समस्या में बहुत आरामदायक है।
- मेटाबोलिज़्म बूस्टर: आयुर्वेद के अनुसार, चाय की पत्तियां गरम तासीर की होती हैं, इसकी वजह से मेटाबोलिज़्म को बढ़ाने में सहायक हैं। इसमें डाले जाने वाले मसाले जैसे काली मिर्च, लौंग, इलाईची और दालचीनी मेटाबोलिज़्म को प्राचीन समय से इम्यूनिटी बढ़ाने में इस्तेमाल किया जाता रहा है।
- PMS में राहत: मसाला चाय के इनग्रेडिएंट्स नेचुरली पेन किलर की तरह काम करते हैं, तो जिन महिलाओं को पीरिअड से पहले दर्द की शिकायत होती है उसमें ये आराम दिलाने में सहायक है।
अब बात हो जाए चाय से जुड़ी कुछ अन्य पहलू के बारे में, अपने सुना होगा कि चाय से एसिडिटी होती है। ये कुछ हद तक सही है पर पूरी तरह नहीं। अति हर चीज की खराब होती है तो अगर आप दो या तीन कप चाय दिन में लेते है तो ये फायदेमंद है अन्यथा इसकी अधिकता लाभ की जगह नुकसान ही करेगी।
चाय के एसिडिक नेचर को ध्यान में रखते हुए आपको दो बातों का ख्याल रखना है-
- खाली पेट चाय ना पियें कुछ जरूर खा लें, और कुछ नहीं तो एक ग्लास पानी भी ठीक है।
- अपने किसी भी भोजन को चाय से रिप्लेस ना करें।
इन दो पॉइंट्स को ध्यान में रखकर दो कप चाय आपको सिर्फ फायदा ही करेगी।
आजकल एक भ्रांति है की ग्रीन टी बेहतर है, पर मजे की बात ये है कि सारी चाय की वराइटी एक ही पौधे “Camellia sinensis” से बनती है जिसके लाभ भी एक जैसे ही है।
तो अब आपको अच्छे से पता है चाय के फायदे, तो सजाइए महफ़िल अपनों की, मसाला चाय के साथ और अपने जीवन का भरपूर आनंद लीजिए।