महात्मा गांधी आधुनिक युग के सच्चे संत है, उनके जीवन और उनके विचारों से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। अगर आप एक बार सच्चे मन से उनके सिद्धांतों को अपनायेंगे तो आपके व्यवहार में परिवर्तन अपने आप आने लगेगा। गांधी जी के विचार शब्द बन कर पूरे संसार में गुँजायमान हैं। उनकी तरह जीवन जीना तो हर एक के बस की बात नहीं है पर उनके कुछ सिद्धांतों का पालन करके अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। तो इनके महान विचारों को अपने मन, मस्तिष्क और हृदय में स्थान दीजिए और जीवन के भी निर्णय लेने से पहले इन पर विचार जरूर कीजिए….
जीवन की सीख
“जियो ऐसे कि जीवन खत्म होने वाला है और सीखो ऐसे जैसे तुम हमेशा जीवित रहोगे”
ये बहुत ही प्रेरक और सत्य कथन है। कभी एक लिस्ट बना के देखिए अपने क्या प्राप्त किया है और अब आपको भविष्य में और क्या पाना रह गया है? आप पाएंगे कि ये लिस्ट बहुत लंबी है, कभी सोचा भी नहीं होगा कि आप क्या क्या कर चुके हैं और क्या और करना बाकी है। भविष्य की लिस्ट यदि लंबी बनी है तो इससे न घबराएं अब इसमे आवश्यक और महत्वपूर्ण टिक करें। ऐसा करते ही ये लिस्ट आपको बहुत मामूली लगने लगेगा। अतः खुद को गियर अप करिए और लग जाइए पूरे उत्साह से अपने लक्ष्य की ओर पर ध्यान रहें कोई पुराना कोई भी बोझ मन में न लादें।
अपनी अंतिम यात्रा में आप कुछ भी नहीं ले जाते, तो जीवन जीते वक्त इतना बोझ क्यूं लेना? आखिरकार जीवन जीने के बाद आपकी दी हुई सीखें ही रह जानी है। तो जीवन को सीखने की यात्रा बनाइये।
आत्म सम्मान के लिए सीख
“मेरी अनुमति के बिना मुझे कोई दुखी नहीं कर सकता है”
जीवन में अपनी महत्ता समझना बहुत कठिन है, आप खुद की काबिलियत पर तभी विश्वास करते है जब लोग आपकी तारीफ करते हैं। अगर आप खुद को स्वीकार करना सीख लें तो कोई भी भावना चाहे वो क्रोध, प्यार, स्नेह, नफरत या आलोचना आपके मन को क्षति नहीं पहुंचा सकती है। अगर आपको ये पता होता है कि आप सही हैं तो दूसरों की भावनाएं आप को प्रभावित नहीं करती हैं। इसके लिए ईमानदारी से अपने द्वारा किये हुए कार्यों की जिम्मेदारी लीजिए, नकारात्मकता आप से स्वतः दूर हो जाएगी।
आंतरिक शांति और शक्ति के लिए
“क्षमा करना केवल साहसी व्यक्तियों की निशानी है, कमजोर व्यक्ति क्षमा नहीं करते”
क्षमा करना आसान नहीं है, और हर एक के बस की बात भी नहीं है। क्षमा करना और भूल जाना आपके तनाव को कम करने में अत्यधिक सहायक है। आप जिस क्षण किसी को माफ करते हैं आप उसी समय से बेहतर महसूस करने लगते हैं, मानो किसी बड़ी मानसिक व्यथा से बाहर निकाल आये हों। ऐसा करके आप मानसिक रूप से और मजबूत साहसी और शांत बनके उभरते हैं।
खुशी के लिए
“सामंजस्य से आप जो भी सोचते हैं, कहते हैं और करते है वही सच्ची खुशी है”
आप अगर थोड़ा ध्यान से सोचेंगे तो पाएंगे कि लोग बहुत सारा समय और एनर्जी व्यर्थ की बातों में बर्बाद कर देते है। लाइफ के विज्ञान और गणित को समझना छोड़िए और जीवन जीने की कला सीखिए। लोगों से, वातावरण से प्रभावित हुए बिना अपने विचार बनाइये। खुशी और स्नेह बांटने से ये कई गुणा वापिस होकर मिलते हैं। अपनी वास्तविक आवश्यकताओं को समझिए और उनमें ही रहना सीखिए। खुश रहने को, प्रसन्न रहने को प्राथमिकता दीजिए।
स्वयं में बदलाव के लिए
“खुद में वो बदलाव लाइये जो आप संसार में देखना चाहते हैं”
अपने जीवन की विषमताओं को भूलकर स्वयं में विश्वास करिये। अपने सपनों पर भरोसा कर अपना जीवन जीने की कोशिश करें। कुछ भी कितना भी कठिन क्यूं ना हो, कोशिश जरूर करें क्यूंकि कोशिशें ही कामयाब होती है। जो बदलाव आप अपने समाज में देखना चाहते हैं उस बदलाव की शुरुवात स्वयं से करें आखिरकार हम से ही समाज बनता है। मुद्दा चाहे साफ सफाई जैसे बेसिक आवश्यकताओं से ही संबंधित क्यूं ना हो।
महात्मा गांधी वाकई सच्चे अर्थों में महात्मा थे, तभी तो आज भी उनकी सीखें समाज का मार्गदर्शन करने में सक्षम है। कुछ सिद्धांतों को आप भी अपनाइए और खुद में वैचारिक फर्क देखिए और जीवन का आनंद लीजिए….