इस कोरोना के कठिन समय में एक शब्द जो हम सबने बहुत सुना और समझा है वह है “इम्यूनिटी”। तो आखिर क्या है ये? इम्यूनिटी हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली या डिफेन्स सिस्टम है यानि वह ताकत जिसकी वजह से हमारा शरीर हर बीमारी से लड़ सकता है। हमें पता भी नहीं होता और हमारा इन्टर्नल सिस्टम बीमारी फैलाने वाले पेथोजेन्स को मारकर हमें ठीक कर चुका होता है।
आपका इम्यून सिस्टम कितना ताकतवर है इसका जवाब जानने के लिए आपको खुद से तीन प्रश्न पूछने होंगे
- क्या आपको बहुत जल्दी सर्दी खांसी जुकाम हो जाता है?
- क्या आप अधिकतर सुस्त और थका हुआ महसूस करते हैं?
- क्या आप जल्दी जल्दी बीमार हो जाते हैं, विशेष रूप से जब मौसम बदलता है?
अगर इनका उत्तर हाँ है, तो निश्चित रूप से आपको अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करने की जरूरत है। कई बार लोगों को लगता है कि वे तो अच्छा पौष्टिक भोजन लेते है फिर ऐसा क्यूँ? लेकिन अगर लक्षण है तो कहीं ना कहीं कोई गैप है जिसे समझना और दूर करना जरूरी है।
यहाँ कुछ प्रमाणित सुझाव है इम्यूनिटी को बेहतर बनाने के लिए जिनका उल्लेख भारतीय आयुर्वेद में किया गया है।
आँवला: आँवला विटामिन c का बेहतरीन सोर्स है, और इम्यूनिटी बढ़ाने वाला है। इसका सेवन वर्षभर किसी ना किसी रूप में करना चाहिए।
अक्टूबर से मार्च तक च्यवनप्राश खा सकते है, आँवला इसका प्रमुख घटक है। आप सिर्फ च्यवनप्राश भी खा सकते हैं हालांकि हल्के गरम दूध के साथ च्यवनप्राश बहुत बेहतरीन परिणाम देता है। बाकी महिनों में आँवला कई अन्य तरीके से भी खाया जा सकता है जैसे- चटनी, आचार, कैन्डी, फ्रेश जूस और पाउडर।
गिलोय: गिलोय एक जादुई हर्ब है। इसे अमृतबेल भी कहते है। इसमे ऐसे एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सक्षम हैं। सो एक तरह से ये शरीर की आंतरिक सफाई करने में सहायक है। एक बार आप इसे अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें तो इसके प्रभाव आप खुद महसूस करेंगे। पहला इफेक्ट जो आप नोटिस करेगें वह है बार बार होने वाली सीजनल बीमारियों में कमी।
इसका पौधा आप घर पर गमले में लगा सकते हैं। इसके तने के टुकड़े को पानी में उबालकर और छानकर पिया जा सकता है। गिलोय किसी भी आयुर्वेदिक दवा की दुकान में ‘गिलोय अर्क’ और ‘गिलोय चूर्ण’ के रूप में भी उपलब्ध है। अर्क सिर्फ एक चुटकी और चूर्ण एक छोटी चम्मच प्रयोग में ले सकते हैं।
हल्दी / टर्मरिक पाउडर: इसे येलो गोल्ड भी कहते हैं। हल्दी बहुत शानदार और प्रमाणित इम्यूनिटी वर्धक है। ये एक प्राक्रतिक एंटी इनफ्लेमेट्री हर्ब है जो शरीर की आंतरिक मरम्मत (healing) में बेहद असरदार है। पारंपरिक तौर पर हम सभी सब्जियों दालों में इसे डालकर उपयोग करते ही हैं। हल्दी दूध जो कि उबलते दूध में मिश्री, काली मिर्च, जायफल और हल्दी डालकर बनाया जाता है, रात में सोने से पहले पीना बहुत लाभकारी है। सुकून की नींद के साथ इम्यूनिटी इंप्रूव होना निश्चित है।
तुलसी: तुलसी में कई प्रकार की हीलिंग और स्ट्रेनग्थनिंग गुण है। इसे आप आसानी से अपने घर पर उगा सकते है। इसकी पत्तियों का उपयोग किया जाता है, और इसके चमत्कारिक प्रभाव शरीर के लगभग सभी अंगों पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। आप इसका अर्क बनाकर पी सकते है या फिर इसे चाय में डालकर भी उपयोग कर सकते हैं। इसकी पत्तियों को सीधे चबाकर भी खाया जा सकता है।
अदरक: अदरक भी वर्षभर मिलने वाली जड़ी है। जो कि एंटी इनफ्लेमेट्री गुणों से भरपूर है। शरीर की आंतरिक मरम्मत में इसका प्रमुख योगदान है। आप चाहे तो इसे कच्चा खा सकते है या फिर कुकिंग में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे सुखाकर और पीसकर भी प्रयोग किया जाता है जिसे सोंठ कहते हैं। अदरक को पानी में कॉक्सन (काढ़ा) बनाकर भी पिया जा सकता है।
तो ये पाँच इम्यूनिटी बूस्टर है जो आपस में किसी तरह से विरोधी नहीं हैं, तो इनका इस्तेमाल दैनिक रूप से किया जा सकता है। शुरू करिए और खुद को बीमारियों से बचाइए जीवन का आनंद उठाइए।