“अपनी सेहत का ध्यान रखना आपका कर्तव्य है…. नहीं तो आप मष्तिष्क मजबूत और सुद्रढ़ नहीं रहेगा”- गौतम बुद्ध
जैसा कि बुद्ध के कथन से स्पष्ट है हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण तत्व हमारा स्वास्थ्य है। हमें अपने सम्पूर्ण प्रयास करने चाहिए कि हमारा स्वास्थ्य बेहतर बना रहे। यहाँ कुछ सुझाव है जिन्हे अपनाकर आप स्वस्थ रह सकते हैं।
सुबह जल्दी उठें : इस कहावत ने सही ही कहा है “Early to bed, early to rise makes us healthy, wealthy and wise”. आज के समय में भी यह पूर्णतया सत्य है। सूर्योदय से पहले कभी भोर की फ्रेशनेस और सूर्यास्त की ढलती हुई बेला का एकांत महसूस करिए, आपको दोनों ही समय एक सुकून का अनुभव होगा। दोनों समय की अपनी एक औरा है जो आपको अपने भीतर के एनर्जी लेवल से जुड़ती हुई फ़ील होगी। इन दोनों समय नेचर से नजदीकी आपको आपके एनर्जी लेवल के उतार चढ़ाव से रूबरू करवाएगी।
सुबह सुबह की सैर आपके तन और मन दोनों को दिन के कामों के लिए स्फूर्ति से भर देगी।
स्टे हाइड्रेटेड: हमारे शरीर में लगभग 70% पानी होता है। जब प्यास लगे पानी पियें और सुकून से सिप करके पिए। शुद्ध पानी के अलावा कोकोनट वाटर, दही, छांछ, नींबू पानी, लस्सी, गन्ने का जूस, इत्यादि भी बेहतरीन विकल्प हैं। ये आपको तरोताजा बनाए रखेंगे।
केफीनेटेड ड्रिंक्स और एयरेटिड ड्रिंक्स को पूर्णतया अवॉइड करें। ये लिक्विड तो है और कूलनेस का एहसास भी देते हैं पर वास्तविकता ये है कि ये ड्रिंक्स आपको डीहाइड्रेट करते हैं।
नियमित एक्सर्साइज़ करें: नियमित व्यायाम आपके शरीर के मेटाबोलिज़्म को मजबूत बनाए रखता है। मेटाबोलिज़्म, आपके शरीर की दक्षता का मापदंड है। मतलब अगर मेटाबोलिज़्म अच्छा है तो आप एजिंग के प्रोसेस को धीमा कर ज्यादा समय तक स्वास्थ और जवान रह सकते है, ना सिर्फ बाहर से बल्कि भीतर से भी।
एक्सर्साइज़ ना करने के कई बहाने है पर बेहतर होगा कि आप एक ऐसा पार्टनर ढूँढे जो नियमित हो ताकि आप मोटीवेट रहें।
एक्टिव रहें लंबे समय तक बैठने से बचें: ऑफिस में लंबे समय तक बैठने की बाध्यता होती है तो हर घंटे थोड़ी देर खड़े हो जाए आस पास घूम लें। ऐसे छोटे प्रयास से आप आजकल की लाइफस्टाइल बीमारियों को दूर रख सकते हैं।
हर घंटे 3 मिनट का ब्रेक लें और एक साथ बैठने की निरन्तरता को ब्रेक करें।
भूख के अनुसार ही खाएं: जब और जितनी भूख हो उतना ही खाएं। कभी भी बस यूं ही खा लिया वाली आदत से बचें। अपनी भूख की मात्रा पहचानने के लिए शांत मन से बिना किसी गेजेट (टीवी / मोबाईल / टैबलेट) के भोजन करें। आपको अपने आप पता चल जाएगा आपको सही में कितना खाना खाना चाहिये।
भोजन भली भांति चबाकर खाइए आपको धीरे धीरे अपनी वास्तविक भूख का अंदाज लग जाएगा।
मौसमी फल खाएं: हर मौसम में अलग अलग तरह के फल उस मौसम की आवश्यकताओं के हिसाब से पोषण से भरपूर होते हैं। अगर संभव है तो अपने दिन की शुरुवात फल से ही करें।
दिन में जब आपको छोटी भूख लगे तो मौसमी फल बहुत शानदार विकल्प है।
फ्रेश भोजन करें: आजकल व्यस्त जीवन की वजह से हमारी निर्भरता पैकेजेड फूड पर हो गई है। स्वास्थ्य की द्रष्टि से ये बहुत गलत है। भोजन बनने के 3 घंटे के भीतर ही हमे उसे खा लेना चाहिए। जैसे जैसे भोजन बासी होता है, उसके पोशाक तत्व नष्ट होने लगते हैं।
अपनी पूरी कोशिश करें की घर का बना शुद्ध खाना खाएं। जितना संभव हो उतना बाहर का खाना अवॉइड करें।
ध्यान करें: तनाव ! हमें पता ही नहीं होता कब हमें प्रभावित करने लगता है और कब हम इसकी गिरफ्त में आ जाते हैं। तनाव हमारे तन और मन दोनों को प्रभावित करता है। मन पर प्रभाव गुस्सा, चिड़चिड़ापन, बैचेनी इत्यादि के रूप मे और तन पर हाई ब्लड प्रेशर, अनियमित शुगर लेवल यदि के रूप मे परिलक्षित होता है।
परिस्थितियाँ हम नहीं बदल सकते पर अपना एटीट्यूड बदल जा सकता है। मेडिटेशन आपको रिजुवनेट करने का काम काम करता है। इसे अपनी आदत बनाएं…
स्क्रीन टाइम घटायें: मोबाईल लैपटॉप इत्यादि हमारे जीवन का हिस्सा बन चुके है। इन पर निर्भरता तो है पर ये आप को तय करना है की इन पर कितना निर्भर होना है। एक निश्चित दूरी और सही पॉश्चर के हिसाब से स्क्रीन पर समय बिताने से हम इनके नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकते हैं।
रात मे सोने से एक घंटे पहले रोशनी कम कर दें और स्क्रीन देखना बंद कर दें ताकि ये हमारे स्लीपिंग हॉर्मोन को डिस्टर्ब ना करे।
बायोलॉजीकल क्लाक को फॉलो करें: जैसे हमारे घरों में एक घड़ी होती है जो हमें समय बताती रहती है जिसके हिसाब से हम अपना दिन प्लान करते हैं। ठीक उसी तरह हमारे अंदर भी एक क्लाक होती है जो हमे समय पर उठना, भूख लगना, नित्य कर्म करना, सोना इत्यादि के सिगनल देती है। ध्यान से महसूस करें इस रिदम को और दृढ़ता से फॉलो करें।
जब हम एक निश्चित रूटीन फॉलो करते हैं तो हमारा शरीर भी उसी तरह रिस्पॉन्स देता है और एक रिदमिक तरीके से भली प्रकार अपने काम करता रहता है।
ये सारे टिप्स फॉलो करिए जो वाकई आसन है और अपने जीवन का आनंद लीजिए….