हम जो भी खाते या पीते है उसका स्वाद केवल हमारी जीभ तक ही रहता है उसके बाद उस भोजन का उद्देश्य केवल हमारे शरीर को पोषण पहुँचाना है|
एक बड़ी पुरानी कहावत है “घाटी उतरे माटी” यानि एक बार खाना गले से नीचे पहुँच जाए उसके बाद तो उसका कोई स्वाद नहीं रह जाता है|
थोड़ा विचार करके देखिए, हम हर भोजन को जल्दी और ज्यादा खाना चाहते है, जबकि शरीर की जरूरत बिल्कुल उलट है।
यहाँ जानने योग्य बात ये है कि जब हम मानसिक रूप से थक जाते है, या फिर बोर हो रहे होते है तब हमें कुछ खाने या पीने की प्रबल इच्छा होती है। ये कुछ और नहीं मस्तिष्क द्वारा संतुलन स्थापित करने के संकेत है इन्हे ही “फूड क्रेविंग” कहते है। फूड क्रेविंग एक संकेत है कि आपके शरीर में एक निश्चित प्रकार के पोषक तत्व की कमी है।
तो अब जब आपको पता है की ये सिगनल सही नहीं है तो ऐसे समय में स्वस्थ विकल्पों को चुनिये जो वास्तव में इन कमियों को पूरा करेंगे और आपको स्वस्थ भी रखेंगे | आपका मस्तिष्क आप को चॉकलेट या नमकीन चिप्स खाने की तीव्र संकेत दे रहा है, पर आपको वास्तव में किसी भी चॉकलेट या नमकीन चिप्स की आवश्यकता नहीं है, आपको केवल कुछ स्वस्थ विकल्पों की आवश्यकता है।
जब भी आप किसी चीज के लिए क्रेविंग महसूस करते हैं, तब आप को क्या विकल्प लेना है, इसकी कुछ गाइडलाइंस है;
मीठे भोजन की क्रेविंग होना: क्रोमियम, कार्बन, सल्फर, फॉस्फोरस, ट्रिप्टोफैन की कमी
स्वस्थ विकल्प: कच्चे मेवे, बीज, अंगूर, डेयरी, बीफ, चिकन, पनीर
सोडा युक्त ड्रिंक्स की क्रेविंग होना: कैल्शियम की कमी
स्वस्थ विकल्प: सरसों, ब्रोकोली, केल, फलियां, पनीर, तिल
क्रिस्पी फूड की क्रेविंग: क्लोराइड की कमी
स्वस्थ विकल्प: मछली, ताजा जैतून, कच्चे बकरी के दूध केल चिप्स, एयर फ्राइड पॉपकॉर्न
चॉकलेट की क्रेविंग: मैग्नीशियम की कमी
स्वस्थ विकल्प: कच्चे नट्स, बीज (कद्दू ,सूरजमुखी तरबूज और खरबूज), बीन्स, फल
कैफीन की क्रेविंग: आयरन व नमक की कमी
स्वस्थ विकल्प: लहसुन, टमाटर, मीट, समुद्री शैवाल, ब्लैक चेरी
इसलिए अपने फूड क्रेविंग को सावधानी से हैन्डल करें एक स्वस्थ विकल्प अपनाएं और सदा खुश रहें…