मक्का (कॉर्न) हमारे किचन में विभिन्न रूपों में सदियों से उपयोग में लाया जाता है। लगभग 9000 ईसा पूर्व मेक्सिको और सेंट्रल अमेरिका में पहली बार घरेलू रूप से प्रयोग में लाया गया था। 2000 ईसा पूर्व अमेरिका महाद्वीप में यह वहाँ की प्रमुख फसल बन गया। यही से फिर इसे कई अन्य जगहों पर ले जाया गया और आज मक्का विश्व का सबसे ज्यादा उगाया और उपयोग किये जाने वाली क्रॉप बन चुका है। एक अध्ययन के अनुसार विश्व की लगभग 20% आबादी अपने भोजन के लिए इसी फसल पर निर्भर है।
मक्के के दाने बड़ी ही खूबसूरती से इसके आधार पर जुड़े होते है। ये मानो लगता है किसी ने मक्कों को एक कतार मे खड़ा कर दिया है। मक्के की गोल्डन कलर की वराइटी सबसे अधिक उगाई जाती है, इसके अलावा मक्का अलग अलग रंगों जैसे लाल, गुलाबी, काला, बैगनी और नीले रंगों का भी होता है। आजकल की परिस्थितियों में मक्का यूं तो वर्ष भर उपलब्ध है, पर इसका सीजन बरसात का है और हार्वेस्ट करने के बाद नियंत्रित परिस्थितियों में इसे बहुत लंबे समय तक स्टोर करके रखा जा सकता है।
इसके नाम से जुड़ी बड़ी अनोखी और रोचक बात: मक्के का वैज्ञानिक नाम“Zea mays” है, इसको उल्टा कर के ही इसका प्रचलित नाम “maize” बना है।
मक्के के उपयोग: मक्का मुझे लगता है, हर उम्र हर आयु वर्ग को पसंद आता है। मूवी हाल में शायद ही कोई हो जो इसके पॉपकॉर्न की महक को इगनोर कर सके। मूवी देखते देखते पॉपकॉर्न के मजे हम सभी ने लिए हैं। मक्का चाहे रोस्टेड हो बॉइल्ड हो या फिर मसालेदार स्वीट कॉर्न के रूप में हो, बहुत ही मजेदार लगता है। मजे की बात है ज्यादातर फॉर्म्स मे ये आपके पेट पे हलका ही रहता है। पार्क या माल में घूमते हुए आमतौर पर लोगों के हाथों में बॉयल्ड या मसालेदार स्वीट कॉर्न ही नजर आता है।
मक्के को आप अपनी डाइट में, पूरे दिन किसी ना किसी रूप में खा सकते हैं। सुबह से शुरू करिए तो ब्रेकफ़ास्ट में कॉर्न फ्लेकस या फिर मक्के का कीस है। लंच डिनर में पैन केक्स, टॉरटीला, बरीटोस, पोलेंटा, मक्के की रोटी, मक्के की बाटी, बाफले, आदि के मजे ले सकते हैं। इसके अलावा गरमागरम स्वीट कॉर्न सूप या फिर मक्के के बॉयल्ड करनेल्स का सलाद हो तो ये आपके टेस्ट बड्स को खुश करके ही मानेंगे।
मक्के का आटा ग्लूटेन फ्री आटा है तो जिसे गेहूं से एलर्जी है उसके लिए एक बहुत ही अच्छी स्टेपल डाइट है।
मक्के के हेल्थ बेनीफिट्स:
- मक्का प्रतिदिन के लिए स्वस्थ और आवश्यक केलोरीज प्रदान करता है।
- मक्के में पर्याप्त स्टार्च और अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो कि आंतों के हेल्थी बेक्टीरिया को पोषण देता है और आपको कब्ज़, बवासीर और कोलोन कैंसर से बचाता है।
- कई लाइफस्टाइल डिसीज जैसे डायबीटीज, हार्ट से संबंधित बीमारियाँ, उच्च रक्तचाप को सफलता पूर्वक मेनेज करने में सहायक है।
- मक्का विटामिन ए, सी और बी कॉम्प्लेक्स से सम्पन्न है। इसलिए ये आँखों में मोतियाबिंद से बचाव के लिए बहुत जरूरी है, साथ ही नर्व कोशिकाओं के सम्पूर्ण विकास और उनके प्रोटेक्शन के लिए भी आवश्यक है।
- मक्के में बीटा केरोटिन, फोलेट और ट्रेस एलिमेंट्स जैसे सेलिनियम, पोटेशियम कुछ मात्रा में कॉपर, केल्सियम, सोडियम और जिंक भी उपस्थित होता है।
- सेलिनियम थायरॉइड के प्रॉपर फंक्शनिंग के लिए आवश्यक है, साथ ही इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए भी बेहतरीन है।
- पोटेशियम हड्डियों और मसल्स की हेल्थ के लिए आवश्यक है और साथ ही हृदय रोगों से दूर रखने में भी सहायक है।
- निएसीन एलजिमीर रोग से बचाव करने में सहायक है और डाइजेस्टिव सिस्टम और नर्वस सिस्टम को भी स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- मक्के में 18 तरह के एमीनो एसिड होते है जिनमें से 8 ऐसे हैं जो की इसेंशियल एमीनो एसिड की श्रेणी में होते हैऔर साथ में फाइटो न्यूट्रीएंट्स भी।
मक्के की एक और जहां गुणवत्ता बहुत बढ़िया है वहीं इसकी केलोरीफिक वेल्यू नॉर्मल ग्रेन्स की तरह ही है तो आपको इसका पूरा फायदा लेने के लिए सीमित मात्रा में लेकिन रेगुलर उपयोग में लेना है। तरह तरह के मक्के के व्यंजनों का स्वाद लीजिए और अपने जीवन का आनंद लीजिए…