अवधी क्विज़ीन मूल रूप से नवाबों से संबंधित है। इसमे वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन दोनों ही प्रकार के व्यंजन शामिल हैं। थोड़ी समानता मुगलई व्यंजनों और मध्य एशिया के व्यंजनों से भी है।
अवधी पाक शैली में “दम तकनीक” एक विशेष तरीका है जिसमें धीमी आंच पर भोजन पकाया जाता है। ये बहुत प्रसिद्ध भी है और एकदम अलग स्वाद लाने वाली है। एक अवधी थाली में आपको कई तरह के व्यंजन देखने और खाने को मिलेंगे जैसे कई तरह के कबाब, कोरमा, बिरयानी, ज़र्दा, शीरमल, रूमाली रोटियाँ, वरकी परांठा, इत्यादि। अवधी क्विज़ीन कई तरह के बेसिक इनग्रेडिएंट और खुशबूदार मसालों का बेहतरीन संयोजन है।
स्वादिष्ट कबाब: अवधी भोजन में कबाब एक स्टार्टर जैसे परोसे जाते है, बहुत बड़ी वेराइटी है कबाबों की जैसे काकोरी कबाब, गलौटी कबाब, शामी कबाब, सींक कबाब, इत्यादि। ये कबाब मुँह में जाते ही घुल से जाते हैं। कबाब पारंपरिक तौर पर चूल्हे पर बनाए जाते है। इन्हें पराठों के साथ परोसा जाता है।
लखनऊ के “चौक बाजार “में “टुंडे के कबाब” अपने लाजवाब स्वाद के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। इनकी अपनी सीक्रेट रेसपी है जिसमे लगभग १६० तरह के एरोमेटिक मसालों का संयोजन है।
मसालेदार तरी: मुग़लई तरी (सब्जियों की ग्रेवी, रस) तीन तरह की सामग्रियों को मिलकर बनाई जाती है। जिसे कई तरह के मसालों, सूखे मेवों (काजू, बादाम, पिस्ता) को क्रीम या घी / मक्खन में मिलकर तैयार किया जाता है।
कोरमा: भांति भांति के वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन कोरमे भी आपको अवधी थाली में देखने और खाने के लिए मिलेंगे। कोरमा बनाते वक़्त ग्रेवी में बेसन को तरी को गाढ़ा करने में प्रयोग किया जाता है इसकी विशेष खुशबू का राज़ भुना हुआ बेसन है जो तरी को एक अलग रंगत खुशबू और स्वाद देता है।
“दो प्याज़ा” तरी में प्याज की दुगुनी मात्रा डाली जाती है जिससे तरी में स्वीट्नेस आ जाती है।
तरी बनाने में प्रयोग किये जाने वाले कुछ खास इनग्रीडिएंट्स हैं- कच्चा पपीता, केवड़े का पानी, दालचीनी, इलायची, खस-खस, लौंग, जावित्री, तेजपात, जायफल, इत्यादि।
एरोमेटिक कीमा: बहुत ही बारीक तरीके से कूटे हुए मीट को सब्जियों और फ्लेवर्ड मसालों के साथ मिक्स करके “कीमा” तैयार किया जाता है। जिसे पराठों या रोटी के साथ सर्व किया जाता है। पराठा और कीमा नॉन वेजीटेरियन्स के लिए सुपर डिलाइट है।
बिरयानी/पुलाव और तहरी: अवधी क्विज़ीन में चावल को तीन तरह से बनाया जाता है।
बिरयानी – राइस को आधा पका कर उसका पानी निथार दिया जाता है। फिर राइस को सेपरेट कलर (ज्यादातर केसरिया, पीला रंग) करते है। फिर घी में छौंक लगाकर सब्जियों या फिर मीट के साथ लेयर करके एक हांडी में रखते है, इस हांडी के ऊपर ढक्कन लगाकर उसे आटे से सील करके धीमी आँच पर कुक करते हैं। यही दम तकनीक है, जिसकी वजह से सारे मसलों के फ्लेवर भली प्रकार ब्लेन्ड हो जाते है। और तैयार होती है एक परफेक्ट बिरयानी, जिसे तले हुए प्याज और धनिये से गार्निश किया जाता है। स्वाद और रंगत ऐसी जिसे शायद ही कोई ना कह सके। इसमें थोड़ा समय लगता है, पर ये इंतज़ार आपको बिरयानी के टेस्ट के आगे जस्टीफाइड लगेगा।
तहरी – तहरी एक क्विक रेसपी है जिसमें विभिन्न मसालों और हल्दी डालकर चावल को पकाया जाता है। मटर, गोभी, आलू, प्याज, सोयाबड़ी, बीन्स इत्यादि इसमें डाली जाने वाली प्रमुख सब्जियां है।
पुलाव – पुलाव में सारे खड़े गरम मसालों की एक पोटली बनाकर चावल और अन्य सामग्रियों के साथ डाल देते हैं। बनने के बाद इस पोटली को हटा सकते है पर इन मसालों की खुशबू पुलाव को बहुत ही सुगंधित बना देती है।
अवध अपने नजाकती लहज़े और नफ़ासत के लिए बहुत प्रसिद्ध है एक सीधी साधी खिचड़ी को भी यहाँ “दाल पुलाव” कहते हैं।
रोटी की टोकरी: गेहूँ यहाँ का मुख्य अनाज है। तो गेहूँ से बनी विभिन्न प्रकार की रोटियाँ जैसे पूरी, फुल्का, पराठा (प्लेन और स्टफ्ड), रूमाली रोटी, नान, लच्छा पराठा, तंदूरी रोटी, शीरमल, वरकी पराठा, नहरी कुल्चा, इत्यादि वेजिटेरियन और नॉन वेजटेरियन करी के साथ सर्व किये जाते है। रोटियाँ तवे और तंदूर दोनों में बनाई जाती है, और दोनों ही प्रकार के, अलग ही मज़े हैं।
नवाबी मिठाइयाँ: अन्य क्विज़ीन की तरह ही अवधी क्विज़ीन भी मीठे के बिना अधूरा है। मीठे में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं- “हलवा” , जिसे तरह-तरह के आटे, और दालों के आटे को अच्छी मात्रा में घी में पहले भूनकर और खूब सारे सूखे मेवे डालकर बनाया जाता है। चावल और सेवईं की खीर स्पेशल केसर और इलायची की सुगंध और रंगत के साथ खाने में लाजवाब लगती है। ज़र्दा एक प्रकार का मीठे चावल की प्रेपरेशन है। अवध की गलियों में घूमें, और ज़र्दा नहीं टेस्ट किया तो समझिए आपका अवध आना अधूरा रह गया। दूध और मावे की भी अनगिनत मिठाइयाँ है।
चटपटी चाट: आलू टिक्की, दही पपड़ी चाट, दही भल्ले की चाट, पानी पूरी, दही वड़ा और गोल गप्पे.. मुझे विश्वास है इन्हे पढ़ते पढ़ते आपके मुंह में पानी आ गया होगा। ये सिर्फ नाम है, जब ये चाट दोने में आपके सामने आती है तो आँखों के लिए भी विजुअल डिलाइट होती है और ज़बान सिर्फ यही कहती है, मज़ा आ गया…
तो आइए, अवध की गलियों में, अपने टेस्ट बड को रेलिश करिए और अपने जीवन का आनंद उठाइए।