आजकल इटेलिअन क्विज़ीन को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। आप किसी भी देश में हों आपको पिज्जा और पास्ता के मेन्यू हर रेस्टोरेन्ट में मिल ही जाएगा । हाँ इनका स्वाद जरूर क्षेत्रीये फ्लेवर के अनुसार कुछ ट्विस्ट हो जाता है। इटेलिअन क्विज़ीन मेडिटेरियन पेटर्न को फॉलो करता है। इस क्विज़ीन में सिम्पल नेचुरल इनग्रेडिएंट्स जैसे टोमेटो, गार्लिक, ऑलिव ऑइल, हरी पत्तेदार सब्जियां और साबुत अनाजों का प्रयोग किया जाता है। इन इंग्रेडिएंट्स की वजह से यह क्विज़ीन विश्व के हेल्थी डाइट्स में से एक है। रिसर्च से पता चलता है की यह डाइट आपको वेट मेनेज करने में, ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में और डिप्रेशन को दूर रखने में भी सहायक है। आप भी समझिए इसके इनग्रेडिएंट्स और उन्हें अपनी डाइट में शामिल करिए।
ऑलिव ऑइल, चीज़ और बालसेमिक विनेगर
ऑलिव ऑइल मोनो अनसेचुरेटड फैटी ऐसिड से भरपूर है, जो कि सेचुरेटड फैट से बेहतर है। ऑलिव ऑइल आपको गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने और बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक है। इसके अलावा एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑइल एंटी ऑक्सीडेंट्स (जिसे पालीफीनॉल्स कहते हैं) से समृद्ध है यह सीधे आपके हार्ट की बेहतर सेहत से संबंधित है। पर ध्यान रखिए इस ऑइल को आपको हीट नहीं करना है । इस ऑइल को आप इटेलीयन्स की तरह ही खाइए ग्रीन सलाद पर ड्रेसिंग करके, कुछ बूंद लेमन जूस के साथ। ऑलिव ऑइल की एक्स्ट्रा वर्जिन के अलावा और भी वराइटी हैं, इनका उपयोग सब्जियों को सौटे करने के लिए उपयुक्त हैं।
पारंपरिक तौर पर चीज़ बफेलो के मिल्क से बनाया जाता था। अब मोजरेला चीज़ गाय के मिल्क से बनता है, जो की बहुत ही खूबसूरती से मेल्ट होता है। इसी वजह से पिज्जा के लिए बेहतरीन माना जाता है।
बालसेमिक विनेगर का उपयोग मेरिनेड्स, ड्रेसिंग और फ्रूट्स वाले डिसर्टस में किया जाता है। बालसेमिक विनेगर, रेड और व्हाइट विनेगर से गाढ़ा, गहरे रंग का और अधिक कॉम्प्लेक्स होता है। पारंपरिक रूप से बालसेमिक विनेगर को ओक के बेरेल में लगभग 12 वर्षों तक एज किया जाता है। इसे आप फ्रूट्स या वेजीटेबल्स पर ड्रिजल करके इसके फ्लेवर को इन्जॉय कर सकते हैं।
साबुत अनाज/ड्राइ पस्ता/अरबोरिओ राइस
एतिहासिक रूप से इटेलिअन क्विज़ीन में साबुत अनाजों (होल व्हीट पास्ता, होल ग्रेन ब्रेड, बार्ले, होल व्हीट कूस्कूस) का प्रयोग किया जाता था। यहाँ प्रयुक्त होने वाले होल ग्रेन ग्लाइसिमिक इंडेक्स को कम करते है, जिसकी वजह से इनका डाइजेशन स्लो होता है और इन्हे खाने के बाद जल्दी भूख नहीं लगती। इसके अलावा होल ग्रेन्स ब्लड शुगर को धीरे धीरे राइज करते है वहीं रिफाइन्ड ग्रेन्स बहुत जल्दी ब्लड शुगर लेवल अप करते हैं। होल ग्रेन्स में फ़ाइबर, मेग्नीशियम , होते हैं जो हार्ट डिसीज, डाइबीटीज और अन्य बीमारियों से बचाव में अधिक कारगर हैं। होल ग्रैन आटे में थोड़ा पानी और स्वाद अनुसार साल्ट मिला के बनाया हुआ पास्ता इटेलिअन क्विज़ीन का कॉमफ़र्ट फूड है। इसके अलावा अरबोरिओ राइस एक छोटे दाने का राइस है जिसका स्टार्च कंटेन्ट हाई होता है। ये राइस परफेक्ट है क्रीमी रिजोतो बनाने के लिए। पिज्जा बेस भी होल ग्रेन फ्लोर से ही बनती है।
बीन्स
बीन्स प्रयोग करने का उद्देश्य यहाँ मीट को रिप्लेस करना है। मीट की जगह पल्स और चिकपीज को प्रयोग करने से आप सेचुरेटड फैट को तो कम करते ही हैं, बल्कि ज्यादा फ़ाइबर और एंटीऑक्सीडेंट (फ्लेवेनोल) भी प्राप्त कर सकते हैं। ग्रेन्स, स्टार्च के साथ अगर डेली बीन्स को कोम्बाइन करके कहते हैं तो आप प्रोटीन के साथ फोलेट, केल्सियम, आइरन और जिंक की भरपूर मात्रा अपनी डाइट से प्राप्त कर सकते हैं। बीन्स में दोनों तरह के सॉल्यूबल और अनसॉल्यूबल फ़ाइबर होते है जो आपको डाइबीटीज, हार्ट डिसीज और कोलोन कैंसर से बचाते हैं। आप इसका भरपूर लाभ लेने के लिए बीन्स को हफ्ते में दो या तीन बार अपने मेन्यू में शामिल कर सकते हैं।
टोमेटो और गार्लिक
टमाटर रॉ और सॉस दोनों तरह से प्रयोग में लाया जाता है। कच्चे टमाटरों को सलाद के रूप खाया जाता है इसके अलावा टोमेटो सॉस को पास्ता, पिज्जा के साथ खाते हैं। टमाटर में विटामिन C, विटामिन A, पोटेशियम, फोलेट और लाइकोपेन होता है जो हार्ट की हेल्थ के साथ साथ प्रोस्टेट कैंसर से बचाव में सहायक है। टमाटर कई तरह से प्रयोग में लिया जाता है, इसे सिम्पली कट करके टोस्ट और पामेजान चीज़ के साथ या फिर पास्ता की करी बेस, इसे कई रूप में लगभग हर डिश में पाएंगे।
लहसुन् अपने पंजेन्ट फ्लेवर के लिए फेमस (या इनफेमस) है, पर ये इटेलिअन क्विज़ीन का अभिन्न अंग है। अच्छे, हार्ड, फर्म और टाइट गार्लिक लेने चाहिए जिनमें स्प्राउट ना निकले हों।
डार्क हरी पत्तेदार वेजीटेबल्स और सीजनिंग
इटेलिअन्स का ग्रीन लीफ़ी वेजीटेबल्स से गहरा रिश्ता होता है, विशेष तौर पर ब्रोकोली रेब, जो कि थोड़ी अरदी बिटर टेस्ट की होती है और सासेज, अनकोवि और हॉट पेपर के साथ बहुत बढ़िया कम्बीनेशन बनाती है। न्यूटरिशन की दृष्टि से देखें तो ग्रीन लीफ़ी वेजीटेबल्स में भरपूर मात्रा में विटामिन ए, सी और के होते हैं। इनमे फ़ाइबर और एंटी ऑक्सीडेंट्स भी भरपूर होते हैं। जब भी इटेलिअन डिश ट्राइ करें उसमें अच्छी मात्रा में चार्ड, काले, एस्करोल और कोलार्ड ऐड करें।
इसके अलावा सेजनिंग में ऑलिव्स का भी बहुत प्रयोग किया जाता है। फ्रेश बेसिल लीव्स स्वीट, आरोमेटिक हर्ब हैं, जो पिज्जा पास्ता की टापिंग में प्रयोग की जाती हैं। ड्राइड ऑरिगेनो, सेज और थाइम डिश को अरदी फ्लेवर देते है, वहीं रेड चिली डिश में हीट ऐड करते हैं।
तो आप भी ट्राइ करिए अपने किचन में इन इटालियन इनग्रेडीएंट्स को और थोड़े बहुत अपने स्वाद के हिसाब से ट्विस्ट कर के कोशिश करिए डिश बनाने की। आप को घर पर ही एथनिक टेस्ट और फ्लेवर के मजे मिल जाएंगे …