PCOS के कई लक्षण है और ये पूरी तरह से व्यक्ति विशेष हैं। यानी हर महिला के अनुभव और लक्षण अलग अलग हो सकते हैं। लक्षणों की रेंज एक सी है पर सेट ऑफ सिम्टमस अलग होते हैं।
PCOS डाइग्नोसिस के लिए स्क्रीनिंग मानदंड
निम्न तीन में से कोई दो मानदंड अगर आप पर लागू होते हैं तो आपको PCOS की स्क्रीनिंग करानी चाहिये:
- मेंसट्रूअ डिसफ़ंक्शन-
- पीरियड न होना
- पीरियड अनियमित होना
- ओव्युलेशन की कमी
- पोली सिस्टिक ओवरीज होना
- अल्ट्रासाउन्ड में किसी भी ओवरी में 12 या उससे अधिक फोलिकल का दिखना
- किसी एक या दोनों ओवरीज का साइज़ में बड़ा होना
- इसके अलावा ब्लड में मेल हॉर्मोन (एन्ड्रोजंस) की अधिकता जिसके लक्षण हैं-
- शरीर पर अवांछित एक्सेस हेयर ग्रोथ
- एक्ने
- सर के बालों का पतला होना और झड़ना
इन मानदंडों के अनुसार यदि किसी महिला को PCOS होने की संभावना लग रही है तो वह अपनी आगे की जांच कर सकती है, भले ही उसके पीरियड रेगुलर हों या फिर उसको शारीरिक रूप से हाई एन्डरोजन हॉर्मोन का कोई प्रभाव दिख रहा हो या नहीं।
यहाँ कुछ मेडिकल टेस्ट के बारे में जानकारी है जिनसे आप आश्वस्त हो सकती है। डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री, फिजिकल लक्षण आपकी फेमिली हिस्ट्री हाइट, वेट और बी. एम. आई. के बारे में जानकारी आपसे पूछ सकती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आपको आगे किन किन टेस्ट की आवश्यकता है।
अल्ट्रासाउन्ड
अल्ट्रासाउन्ड टेस्ट से निश्चित तौर पर देखा जाता है कि आपकी ओवरी का साइज़ कैसा है, उनमें सिस्ट कितने हैं? यह टेस्ट आपकी ओवरीज, यूटरस और पेल्विक रीजन का किया जाता है।
ब्लड टेस्ट
यहाँ जब बात ब्लड टेस्ट की है तो PCOS के लिए दो तरह के ब्लड टेस्ट आमतौर पर किये जाते हैं।
हॉर्मोनल ब्लड टेस्ट
यह टेस्ट मुख्य रूप से एन्ड्रोजन लेवल चेक करने के लिए किया जाता है। फ्री एन्ड्रोजन इंडेक्स और टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन लेवल ये दोनों ही बहुत सही तरीके से आपके एन्ड्रोजन लेवल को प्रदर्शित करते है।
हॉर्मोन टेस्ट कुछ अन्य रिप्रोडक्टिव हॉर्मोन के असेस्मेंट के लिए भी किया जाता है जैसे-
- एस्ट्रेडीओल (एस्ट्रोजन)
- फोलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (FSH)
- ल्यूटीनाईजिंग हॉर्मोन (LH)
- एन्ड्रोजन हॉर्मोन
PCOS की भांति ही लक्षण कुछ अन्य बीमारियों में भी हो सकते हैं तो उनकी संभावना की पुष्टि के लिए कुछ अन्य हॉर्मोन्स का असेस्मेंट करना भी ठीक रहता है-
- थाइरॉइड स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (TSH)
- प्रोलेक्टिन
- एड्रीनल ग्लैन्ड से संबंधित हॉर्मोन्स टेस्ट
अन्य ब्लड टेस्ट
चूंकि PCOS इंसुलिन रेसिस्टेंस से भी जुड़ा हुआ है इसीलिए इस हॉर्मोन का असेस्मेंट भी करा लेना चाहिये। ताकि इससे संबंधित डाइबीटीज और कार्डियो वैस्क्यलर डिसीज का भी रिस्क असेस्मेंट किया जा सके।
- कोलेस्ट्रॉल
- ब्लड प्रेशर
- ग्लूकोस टोलरेंस टेस्ट
अगर किसी को PCOS है तो उसे कोलेस्ट्रॉल और ग्लूकोस टोलेरेन्स टेस्ट / H1BC / फास्टिंग और pp टेस्ट हर साल करा लेना चाहिये। ब्लड प्रेशर भी कभी कभी चेक करते रहना चाहिये। अगर यह आपकी फेमिली हिस्ट्री है तो फिर लाइपिड प्रोफाइल भी करना उचित है।
आप अपने डॉक्टर से मिले खुल के बात करें सभी लक्षण बताएं और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए टेस्ट को करा के नियमित रूप से इसका इलाज करें, दवाओं के साथ साथ लाइफ स्टाइल, खान पान मे भी जरूरी बदलाव लाए।