अपने बच्चे को बढ़ते हुए देखना दुनिया का सबसे सुखद अनुभव है। जैसे-जैसे वे बड़े होते जाते हैं, अभिभावक होने के नाते हमारी ज़िम्मेदारी भी बढ़ती जाती है, हम उनमे अपने आहार के प्रति स्वस्थ आदतें विकसित करें जिससे वे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बने। इसलिए बच्चे के आहार में सही पोषण होना बहुत मायने रखता है।
विकास की इस अवस्था में, सही देखभाल और मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है ताकि आपका बच्चा एक स्वस्थ और सफल नागरिक बन सके।
बच्चों के सही न्यूट्रिशन के लिए यहां पांच दिशानिर्देश दिए गए हैं जो आपके बढ़ते बच्चों की देखभाल करने में आपकी मदद कर सकते हैं; और उनके पूरे दिन के आहार को संतुलित रखने मे आप की सहायता करेंगे।
सुबह की स्वस्थ शुरुआत करें- अच्छे भोजन के साथ दिन की शुरुआत करना सही है। इसे एक प्रकार के नट्स (बादाम, काजू, पिस्ता, अखरोट आदि) और किसी एक प्रकार के ड्राई फ्रूट्स (किशमिश, अंजीर, खुबानी, खजूर आदि) के संयोजन से शुरू करें। सुनिश्चित करें कि ये रात भर भिगोएँ ताकि आपके बच्चे को इनका पूरा लाभ मिल सके।
शॉर्ट ब्रेक- अधिकांश विद्यालयों में स्कूल शुरू होने के शुरुआती 2 घंटों में शॉर्ट ब्रेक का प्रावधान होता है। इस समय के लिए कोई भी मौसमी फल बेहतरीन चुनाव है, इससे आपके बच्चे को स्कूल के कार्य करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा मिलेगी और एंटीऑक्सिडेंट्स की दैनिक आवश्यकता भी पूरी होगी।
दोपहर के भोजन का समय- अब यह समय अनाज का है, घर में बने किसी भी अनाज को उनकी पसंद के हिसाब से दोपहर के भोजन में पैक करें ताकि वे इसे मन से खा सकें, यहाँ ये विकल्प बड़े उपयुक्त होते हैं; पोहा, भरवां पराठे, उपमा, वेजीटेबल पुलाव, वेजीटेबल सैंडविच, फ्राइड राइस, इडली + नारियल की चटनी आदि। लंच के लिए एक टिप – नींबू, धनिया, करी पत्ते, मूंगफली, काजू, सूखा नारियल का उपयोग गार्निश की तरह करें ताकि इनमे माइक्रो न्यूट्रियंट की गुडनेस भी जुड़ सके और हाँ एल्यूमीनियम फॉइल का उपयोग ना करें इसे स्टील के लंच बॉक्स में पैक करें।
स्कूल से घर आने के बाद- अगर आपके बच्चे को इस समय भूख लगती है, तो उन्हें पूरा भोजन दें जो आपने अपने दोपहर के भोजन के लिए पकाया हो, अन्यथा शाम का नाश्ता इस छोटी मोटी भूख के लिए बहुत अच्छा है, मूंगफली गुड़ का मिक्स्चर, भेल, घर का बना चिवड़ा मिक्स्चर, घर का बना लड्डू (नारियल / बेसन / गेहूं का आटा / रवा / रामदाना / खजूर ड्राइ फ्रूट आदि )।
खेलने के समय से पहले- दूध इस समय के लिए सबसे अच्छा विकल्प है, क्योंकि यह अपने आप में संपूर्ण, लेकिन ध्यान रखें कि इसमें किसी भी प्रकार का हेल्थ पाउडर नहीं मिलाना है, बल्कि इलायची, जायफल डालकर स्वादिष्ट बनाया जाता है। मिश्री या गुड के साथ इसे मीठा करें। अन्य विकल्प में लस्सी या छाछ (मीठा या नमकीन) भी बेहतर है। यह खेल के समय के लिए ऊर्जा प्रदान करता है।
डिनर- फिर से अनाज और सब्जियों के लिए यही समय है। खिचड़ी, दाल चावल, दही के साथ वेजीटेबल पुलाव, सांभर के साथ इडली / डोसा, मौसमी सब्जियों के साथ रोटी, रात के खाने के लिए सबसे उपयुक्त हैं। कोशिश करें कि यह रात 8 बजे से पहले हो और हाँ खाने के 2 घंटे के बाद ही बिस्तर पर जाने का नियम बनाए।
अब इन युक्तियों के साथ बच्चों के न्यूट्रिशन के लिए आपका ज्ञान में वृद्धि हुई होगी, इसलिए इन्हे अपनाएं और बच्चों में एक सकारात्मक फर्क देखें।