जैसे-जैसे हमारे बच्चे बढ़ते हैं, वास्तविक दुनिया के लिए उन्हें तैयार करना हमारी जिम्मेदारी बन जाती है। चूंकि उन्हें अपने जीवन का नेतृत्व करने के लिए तैयार होना है, इसलिए उन्हें अपने गार्जियनशिप की आरामदायक आभा से बाहर निकालना आवश्यक हो जाता है। यह माता-पिता की ज़िम्मेदारी है कि वे दुनिया की वास्तविकता को समझें और सहयोग करें ताकि आगे भविष्य में आपके बच्चे सक्षम और सामर्थवान नागरिक के रूप में विकसित हो सकें ।
देखिए, सीखने के दो तरीके हैं;
करके सीखना,
दूसरा बड़ों के अनुभव से सीखना और उसे आत्मसात करना ।
दूसरा बेहतर है, क्योंकि इसमें ज्ञान के साथ अनुभवों का भी समावेश है। आपका काम एक आधार बनाना है और बाकी वे अपने आप से सीख सकते हैं। जीवन की इस अवस्था में सही और गलत के बीच चयन करना और सच की राह पर चलते रहना कठिन है|
तो यहां मैं 7 सुझावों के साथ हूं जो निश्चित रूप से आपकी मदद करेंगे;
1.लक्ष्य निर्धारण: किशोर ज्यादातर सोशल मीडिया से प्रभावित होते हैं, और उनके लक्ष्य अवास्तविक होते हैं। उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं है कि अव्यावहारिक लक्ष्य उन्हें अपनी मंजिल तक नहीं पहुंचा सकेंगे| अपने किशोरों से उनके लक्ष्यों के बारे में पूछें, उन्हें उनके शौक और यथार्थवादी लक्ष्यों के बीच का अंतर बताएं। अगर आपको लगता है कि आपके किशोर के शौक को एक कॅरिअर के रूप में अपनाया जा सकता है, तो उसे सही तरीके से प्राप्त करने में उनकी मदद करें। यहां मैं यह उल्लेख करना चाहूंगी कि सम्मानजनक शैक्षणिक स्कोर के साथ एक बुनियादी शैक्षिक योग्यता हर कॅरिअर और वास्तविक जीवन को समझने के लिए बहुत आवश्यक है।
2.नेविगेशन कौशल: ड्राइविंग कौशल आपके बच्चों को स्वतंत्र और आश्वस्त बनाते हैं, उन्हें सिखाते हैं कि कैसे नेविगेट करें। उन्हें अपनी पढ़ाई और अन्य आवश्यकताओं के लिए अलग-अलग स्थानों पर जाने की आवश्यकता होगी। इसलिए उनके लिए यह समझना आवश्यक है कि जीपीएस प्रणाली का उपयोग कैसे करें? इसके अलावा उनके लिए यह जानना आवश्यक है कि ट्रैफिक में कैसे गाड़ी चलाना है कैसे धैर्य रखना है? और रक्षात्मक ड्राइविंग करनी है ।
3. भावनाओं को नियंत्रित करना सिखाएं: इस आयु वर्ग में हार्मोनल प्रभाव चरम पर होता है| भावनाओं से भरे किशोर आसानी से दूसरे से प्रभावित हो जाते है। एक अभिभावक के रूप में हमें उन्हें अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए मार्गदर्शन करना चाहिए| कैसे अपना क्रोध नियंत्रित करना है? कैसे अपने सहकार्मियों के बीच समन्वय करना है ? इस मामले में सबसे अच्छा तरीका है पहले इंतजार करना, समझना और फिर प्रतिक्रिया देना| उन्हें अपनी भावना को स्वस्थ तरीके से डील करना सिखाएं।
4. घरेलू मामलों को मैनेज करना सिखाएं: आगे जाके हर कोई अपना घर मैनेज करता ही है, तो क्यूँ ना इसी उम्र में इसकी छोटी सी शुरुवात करें। उन्हें अपने कमरे को व्यवस्थित रखने के लिए प्रेरित करें, चाहे लड़का हो या लड़की उन्हें छोटे-मोटे घरेलू कामों में व्यस्त रखें। उनके साथ अपना मासिक बजट बनाएं, उन्हें पैसे का महत्व पता होना चाहिए। विश्वास करिये यह काम करता है … कम से कम अगली बार अपनी खरीदारी की सूची बनाते समय आपके बच्चे निश्चित रूप से यह ध्यान रखेंगे की वे कोई अनावश्यक चीज तो नहीं ले रहे हैं।
5.संबंधों का महत्व: मुख्य परिवार के अलावा आपके बच्चों को परिवार के अन्य सगे संबंधी सदस्यों के महत्व को भी जानना चाहिए। हर व्यक्ति सामाजिक होने के लिए पैदा हुआ है और आपके बच्चे भविष्य के समाज के सदस्य है| बच्चे हमारे निर्देशो का पालन करने से ज्यादा हमारा अनुसरण करते हैं। यह व्यवहार वे आपसे जरूर सीखेंगे। तो, यह आपके हाथ में है ..
.6.अपनी धार्मिक संस्कृति को स्थानांतरित करें: हम सभी जानते हैं कि पूजा कैसे करें,?प्रार्थना कैसे करें? कई आदतें जो हमने अपने माता-पिता से हासिल की हैं, उन्हें अब अपनी अगली पीढ़ी को हस्तांतरित करने का समय आ गया है। यकीन मानिए जब आप अपने धर्म के करीब पहुंच जाते हैं तो आप बहुत कुछ सीख जाते हैं। यह केवल फॉर्म भरते समय टिक किए जाने वाला एक कॉलम नहीं है, यह हमारी पहचान है और हम सभी को गर्व महसूस करना चाहिए और इसका सम्मान करना चाहिए। अपने धर्म को निभाने से विश्वास का विकास होता है और मानसिक शांति भी मिलती है| प्रतिकूल समय में आध्यात्म हमें शक्ति देता है।
7.नागरिकता की भावना का विकास करें: यह बहुत महत्वपूर्ण है। ये बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं और एक नागरिक होने के नाते हमें हमारे समाज के नियमों को जानना चाहिए और उनका सख्ती से पालन करना चाहिए। ट्रैफिक नियमों का पालन करना, कचरा कचरे के डिब्बे में ही फेंकना, लोगों का सम्मान करना, दूसरों की मदद करना, जरूरतमंद लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करना, हमेशा अव्यवस्था से बचने के लिए एक कतार में खड़े रहना, इत्यादि सूची बहुत लंबी है और मुझे लगता है कि हम सभी जानते हैं लेकिन उनका अनुसरण करना भूल जाते हैं| एक अच्छे रोल मॉडल बनें।
पूरी कोशिश करिए कि आपके बच्चे ये सारी आदतों का पालन करें और आत्मसात करें| उन पर विश्वास करें, जब आप उन्हें एक शानदार नागरिक के रूप में देखेंगे तो आपको अपनी परवरिश पर गर्व होगा और बहुत सुकून भी मिलेगा … आने वाली पीढ़ियों के लिए आप जो भी अच्छा काम कर सकते हैं, करें… और उसके साथ अपने जीवन को भी आनंदित बनाए रखें|