‘वास्तु’ हमारे पूर्वजों द्वारा रचित वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित ज्ञान है। हमारे घर और काम करने के स्थान पर वास्तु के सिद्धांतों को लागू करने का उद्देश्य उस स्थान की पॉजिटिव एनर्जी को ऐसे इस्तेमाल करना है, जिससे हमारी उन्नति हो सके और हमारी लाइफ समृद्ध बन सके।
वास्तु के सिद्धांत दिशाओं की प्रकृति, उनकी ऊर्जा और ऊर्जा के प्रवाह पर आधारित है। घर और ऑफिस की चीजों को ऐसे स्थापित करना कि ये वस्तुएं दिशाओं के ऊर्जा प्रवाह के साथ मिलकर एक सकारात्मक प्रभाव के साथ हमारी समृद्धता में सहयोग करें।
वास्तु के अनुसार दिशाओं को आठ प्रमुख भागों में विभाजित किया गया है।
किसी भी व्यक्ति का घर, उसकी सबसे मूल्यवान खरीद होती है। घर स्वयं में ही बहुत महंगा होता है उसके बाद हम उसमें बड़े शौक से इंटरियर डेकोरेशन करते हैं, महंगे महंगे अट्रीफैक्ट्स से सजाते हैं, कई तरह के गैजेट्स इंस्टाल करते है। ये सब बेकार हो जाते है अगर घर का, घर के सामानों का स्थापत्य वास्तु सिद्धांतों के अनुसार नहीं है।
वास्तु सिर्फ आपकी अपनी प्रॉपर्टीज पर नहीं बल्कि किराए की प्रॉपर्टी पर भी लागू होते है।
कुछ बेसिक पॉइंट्स की जानकारी लेकर आप भी अपनी प्रॉपर्टी की एनर्जी के साथ समन्वय कर उस जगह का अधिकतम लाभ अपनी समृद्धता में ले सकते हैं।
यहां मुख्य 5 वास्तु टिप्स साझा कर रहे है जो आपके जीवन में खुशी और पॉजिटिव एनर्जी का संचार कर सकें।
टिप 1
प्रवेश द्वार –
- घर के प्रवेश द्वार की प्राथमिकता NEWS के क्रम में है (North > East > West > South) पहली और सर्वोत्तम प्रवेश उत्तर दिशा फिर पूर्व फिर पश्चिम और सबसे बाद में दक्षिण। दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम मुखी द्वार को अवॉयड ही करें।
- अपने घर के द्वार पर अपने नाम की नेम प्लेट लगाएं ये खुशियों को आपके घर का पता बताने में कारगर है। सकारात्मकता और अवसरों को आप तक लाने में मदद होगी।
- द्वार के दोनों तरफ पर ‘स्वास्तिक’ या फिर ‘ॐ’ का पवित्र चिन्ह जरूर बनाएं ये समृद्धता और संपन्नता का प्रतीक है।
टिप २
किचन की स्थिति –
- घर के दक्षिण-पूर्व कोने में किचन की स्थिति सबसे अधिक अनुकूल होती है। दूसरे विकल्प में उत्तर-पश्चिम दिशा बेहतर है।
- भोजन बनाते समय दक्षिण दिशा की तरफ मुंह नहीं होना चाहिए।
- किचन में दवाइयों को स्थान ना दें ये नकारात्मक है।
टिप ३
बेडरूम या शयन कक्ष की स्थिति –
- मुख्य बेडरूम या तो दक्षिण या पश्चिम या फिर दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
गेस्ट या बच्चों का बेडरूम उत्तर पश्चिम दिशा में बेहतर है।
- बेडरूम में टीवी या बड़े आकार का दर्पण ना रखें अगर रखना ही पड़े तो फिर उसे ढक कर रखें।
- अपने बेडरूम की दीवार पर अपने परिवार की कोई खुशहाल तस्वीर लगाएं।
टिप ४
व्यवस्थित रखें –
- साफ सफाई सकारात्मकता के प्रवाह को मार्ग देती है, जो चीजें काम में ना आती हों उन्हें घर में जगह ना दें।चीजों को रखना है या नहीं इसके लिए एक सिद्धांत है कि अगर कोई वस्तु आपको वर्ष भर उपयोग में नहीं आती तो वह आपके लिए आवश्यक नहीं है। हालांकि हर चीज पर यह सिद्धांत लागू नहीं होता तो अपने विवेक से काम की चीजों को जगह दें और बेकार में चीजों का संग्रह ना करें।
- हर वस्तु को धूल, गंदगी से बचा कर रखें नित्य सफाई करें और उसे अपने तय स्थान पर ही रखें।
टिप ५
रोशनी –
- अपने घर में उजाले की पर्याप्त व्यवस्था रखें अगर आप घर पर कुछ दिन नहीं भी है तो भी घर के पूजा वाले स्थान पर लाइट जरूर जला कर छोड़ें।
- हर कमरा में अच्छे से प्रकाश की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे नकारात्मकता दूर होती है।
- अपने घर के उत्तर पूर्व कोने को मंदिर का स्थान बनाइए अपना मंदिर यहां स्थापित कीजिए। मंदिर को बेडरूम में मत रखिए अगर आपके घर में जगह की कोई कमी है तो फिर किचन में मंदिर को स्थान दीजिए।
- रोज सुबह और शाम के समय घर के मंदिर में घी का दीपक जलाएं कभी कभी इसमें कपूर भी डालें।
तो इन बातों को ध्यान में रखकर अपने घर की पॉजिटिविटी को अपनी समृद्धता को बढ़ाने में लगाए और अपने जीवन का आनंद लें।