बारिश का मौसम शब्द सुनते ही मन में एक सुहावनी तस्वीर बन जाती है चारों तरफ हरियाली, ठंडी ठंडी बयार, जमीन पर पानी की बूंदें पड़ने से आने वाली मिट्टी की सोंधी सोंधी खुशबू सभी का मन मोह लेती है और दिल में खुशी और उमंग भर देती है।
ये एक पहलू है बारिश के मौसम का, इसके साथ ही बारिश लाती है नमी, चिपचिपाहट, कई सारे मौसमी बीमारियाँ जिनकी वजह से बारिश के मौसम का सारा मजा किरकिरा होने लगता है।
यहां कुछ टिप्स आपसे शेयर कर रहे हैं जिससे आप इस औसम मौसम को पूरी तरह से इन्जॉय कर सके।
- हाइड्रेटेड रहें: जब तक बारिश होती है तब तक तो ठीक है उसके बाद जब मौसम साफ होता है तो उसमें बहुत नमीं और आद्रता होती है जिससे शरीर से काफी मात्र में पानी पसीने के रूप में निकल जाता है, जिसकी वजह से डीहाइड्रेशन हो जाता है। इसीलिए भरपूर मात्र में पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें।
- गरमा गरम सूप: बारिश के मौसम में सब्जियों का सूप आपको ना केवल हाइड्रेट रहनें में मदद करत है बल्कि सब्जियों की गुड़नेस और उनमें उपस्थित विटामिंस और मिनेरल्स आपको सीजन में होने वाली बीमारियों जैसे जुकाम, फ्लू और वाइरल बीमारियों से भी सुरक्षित रखेंगे।
- हर्ब्स और मसाले: अदरक, लहसुन, तुलसी,काली मिर्च, हल्दी, जीरा पाउडर जैसे मसालों का उपयोग बढ़ा देना चाहिए। ये सारे मसाले भारतीय रसोई में आसानी से वर्ष भर उपलब्ध होते हैं। ये सारी चीजें इनडाईजेशन की समस्या को तो दूर करेंगे ही साथ ही आपकी इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाएंगे। आप इन मसालों और हर्ब्स का उपयोग चाय सूप और सब्जी की ग्रेवी बनाने मन कर सकते हैं।
- जिन्जर टरमेरिक लाटे: ये एक नया नाम है हमारे पुराने आयुर्वेदिक पेय हल्दी दूध का। इसे बनाने के लिए दूध को गरम करें फिर उसमें अदरक या सोंठ, हल्दी, जायफल, थोड़ी सी काली मिर्च डालकर उबाल लें। छान कर पिएं, सबसे अच्छा समय है रात में सोने से पहले। ये मेजिकल ड्रिंक आपको गले के इन्फेक्शन, जुकाम, सर्दी से बचाकर रखेगा।
- मौसमी सब्जियां और फल: करेला इस मौसम का सबसे बेहतरीन सब्जी है। सब्जियों और फलों का भरपूर सेवन करें और उपयोग में लाने से पहले उन्हें भली भांति साफ कर लें। हल्के गरम पानी में नमक डालकर धोना सबसे अच्छा है। मौसमी फल एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते है और आपको उस समय होने वाले परिवर्तनों और मौसमी बीमारियों से सेफ रखते हैं।
- हल्का भोजन करें और डिनर जल्दी करें: बारिश के मौसम में हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम सुस्त हो जाता है इसीलिए नॉन-वेज भोजन भारी तला हुआ भोजन सीमित मात्रा में खाएं और डिनर में तो ये भोजन न ही लें। अपना डिनर जितना संभव हो सके सूर्यास्त के समय के नजदीक ही कर लें। डिनर और सोने से पहले कम से कम दो घंटे का अंतराल रखें। इस तरह से आप हल्का और एनेरजेटिक महसूस करेंगे।
- फ्रेश भोजन करें: इस मौसम में बेक्टीरिया और वाइरस बहुत अधिक एक्टिव होते हैं जो आपके भोजन को जल्दी ही स्पॉइल करना शुरू कर देते हैं। कोशिश करिए कि खाना बनने के दो घंटे के भीतर खाना खा लें, और इस मौसम में बासी भोजन पूर्णतया अवॉइड करें।
- बाहर का भोजन अवॉइड करें: बाहर का खाना कैसे बनता है ये तो हमें पता ही नहीं होता है। इस मौसम में साफ सफाई बहुत इंपोर्टेनट है इसीलिए सफाई को ध्यान में रखकर स्ट्रीट फूड को अवॉइड करें।
- अच्छा पका हुआ भोजन लें: कच्ची सब्जियों में जीवाणुओं की संभावना अधिक होती है इसीलिए भली भांति पका हुआ भोजन करें। इस मौसम में वाटर बोर्न डिजीज जैसे टाइफॉइड, जॉइंडिस इत्यादि अधिक होते है।
- सी फूड अवॉइड करें: इस मौसम में पानी में पाए जाने वाले जीव जिन्हें नॉन वेजिटेरियन भोजन की तरह प्रयोग करते हैं पूर्णतया अवॉइड करें। ये मौसम उन सभी एनिमल्स का ब्रीडिंग सीजन होता है। तो ऐसे में फूड पॉइजनिंग और स्टमक इन्फेक्शन की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।
इन बातों को ध्यान में रखकर सावधानी बरतें और मौसम के सुहावने पहलू का मजा लें, और अपने जीवन का आनंद लें।