ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में कई प्रकार के दोष बताए गए हैं, इन्हीं दोषों में से एक है मांगलिक दोष, यह दोष जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है वह मांगलिक कहलाता है। मंगल दोष को ले कर कई प्रकार की भ्रांतियाँ लोगों के मन मे रहती है। आज इस लेख के माध्यम से उन भ्रांतियों को सुलझाने का प्रयत्न किया जा रहा है। आशा है इसे पढ़ने के बाद कुंडली के मंगल दोष के प्रति आपके दृष्टिकोण मे परिवर्तन आएगा।
मंगल दोष और सांख्यिक भ्रांति :
मंगल दोष से सम्बन्धित विभिन्न भ्रान्तियों में एक मंगल दोष युक्त लोगों की संख्या की न्यूनता को लेकर है। राशियों की कुल संख्या बारह होने के कारण किसी भी जन्मकुण्डली में बारह घर ही होते हैं। इनमें छ: घर (1,2,4,7,8 एवं 12) ऐसे हैं जहां मंगल के बैठने से मंगल दोष लगता है। बारह का आधा अर्थात् पचास प्रतिशत छ: हुआ। इस प्रकार किसी भी जन्मकुण्डली के पचास प्रतिशत स्थानों में मंगल की उपस्थिति से मंगल दोष उत्पन्न होता है। इससे यह तथ्य स्पष्ट होता है कि सिद्धान्तत: 50% जनसंख्या मंगल दोष से युक्त लोगों की है। इस नियम को पुन: चंद्र कुण्डली में भी लागू किया जाता है। अर्थात् चंद्र कुण्डली में भी उन्हीं छ: स्थानों में मंगल के बैठने से मंगल-दोष लगता है।
मंगल दोष और लग्न या चंद्र कुण्डलियां :
जन्म लग्न कुण्डली और चंद्र कुण्डली समान भी हो सकती हैं और भिन्न भी। परंतु भिन्न कुण्डलियों की संख्या ही अधिक होती है क्योंकि चंद्रमा एक राशि में लगभग सवा दो दिन रहते हैं तथा दूसरी ओर प्रतिदिन चौबीस घंटों में सभी बारह राशियों का उदय-अस्त होता रहता है। मंगल दोष उत्पन्न करने वाली चंद्र कुण्डलियों को अनुमानत: 20-25 प्रतिशत ही मानें तो जन्म लग्न कुण्डली और चंद्र कुण्डली को मिला कर कुल संख्या 50+25 =75 प्रतिशत हो गयी। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि शनि आदि कुछ अन्य पाप ग्रह मंगल के समकक्ष ही दोष उत्पन्न करते हैं। इस तरह की कुण्डलियों को छोड़कर यदि हम विशुद्ध रूप से केवल मंगल पर ही विचार करें तो भी निर्विवाद रूप से 70-75 प्रतिशत जनसंख्या मंगल दोष से युक्त लोगों की होगी। इस प्रकार इस भ्रान्ति में नहीं रहना चाहिए कि मंगल दोष युक्त लोगों की संख्या मंगल दोष मुक्त लोगों से कम होती है।
इस सन्दर्भ में इस पक्ष को भी जानने-समझने की आवश्यकता है कि जन्म कुण्डली में ग्रहों की ऐसी कई स्थितियां होती हैं जिनसे मंगल दोष स्वत: ही समाप्त हो जाता है और ऐसी जन्म कुण्डली मंगल दोष से मुक्त हो जाती हैं।
आशा है इस लेख के माध्यम से मंगल से समबंधित भ्रांतियों को दूर करने का मेरा ये प्रयास सफल रहेगा। आगे भी ज्योतिष समबंधी जानकारी के लिए हम से जुड़े रहिये। आप के जीवन की मंगल कामना के साथ …
– अजय सिन्हा
आचार्य फलित ज्योतिष एवं औरा विश्लेषक
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